इसके साथ ही व्यापक बाजार में पॉजिटिव माहौल ने भी इस तेजी को बढ़ावा दिया. सुबह 10:15 बजे तक शेयर NSE पर ₹6.62 पर ट्रेड कर रहा था, जो पिछले बंद स्तर से 7.7% अधिक था. 2025 में Vodafone-idea के शेयर अभी भी दबाव में हैं, जो इस साल अब तक लगभग 21% गिर चुके हैं और पिछले एक साल में लगभग 60% वैल्यू खो चुके हैं.
कैसा रहा नतीजे
कंपनी ने 14 अगस्त को बाजार बंद होने के बाद Q1FY26 के नतीजे शेयर किए. इस तिमाही में कंपनी का नेट घाटा ₹6,608 करोड़ रहा, जो पिछले साल के ₹6,432 करोड़ से अधिक है, लेकिन मार्च तिमाही के ₹7,166 करोड़ घाटे से कम है.
ऑपरेशनल रेवेन्यू ₹11,022 करोड़ रहा, जो सालाना आधार पर 5% बढ़ा लेकिन पिछली तिमाही के मुकाबले स्थिर रहा. ग्राहक से औसत कमाई (ARPU) ₹177 दर्ज की गई, जो एनालिस्ट्स की उम्मीद ₹167 से अधिक है. इस सुधार में ग्राहक अपग्रेड और बेहतर ग्राहक मिश्रण की भूमिका रही.
कंपनी के ग्राहकों में गिरावट
मोतीलाल ओसवाल के अनुसार, घाटा अनुमान से कम ₹7,500 करोड़ की तुलना में रहा, जो कम ब्याज लागत के कारण संभव हुआ. इसके साथ ही ग्राहक संख्या में गिरावट धीमी हुई, कंपनी के ग्राहक घटकर केवल 0.5 करोड़ हुए, जो पिछले तिमाही के 1.6 करोड़ से बेहतर प्रदर्शन है.
UBS ने स्टॉक पर न्यूट्रल रेटिंग दी है और ₹8.5 का टारगेट प्राइज रखा है. जून तिमाही में ARPU में 0.6% की बढ़ोतरी हुई और EBITDA में 1% की गिरावट आई, जबकि मार्जिन 41.8% पर रहा. नेट घाटा अनुमान से अधिक रहा, जिसका कारण अधिक ब्याज खर्च बताया गया.
कंपनी ने कैपिटल एक्सपेंडिचर ₹2,440 करोड़ पर सीमित किया, जो पिछले तिमाही ₹4,230 करोड़ और उससे पहले ₹3,210 करोड़ था. इस रिपोर्ट के बाद Vodafone-idea के शेयरों में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है, और मार्केट में कंपनी के सुधार की उम्मीद बनी हुई है.
Source: CNBC