टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने पहले वोडाफोन आइडिया से 5,960 करोड़ रुपये की मांग की थी. लेकिन अब सरकार ने 13 अगस्त 2025 को कंपनी को एक नोटिस भेजकर अतिरिक्त 2,774 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा है. इस नोटिस में कंपनी को 15 दिनों के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया गया था.
क्या है वोडाफोन आइडिया की मांग
वोडाफोन आइडिया ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि AGR के कैलकुलेशन में हुई गलतियों को सुधारा जाए. कंपनी का दावा है कि टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने कुछ रकम को दो बार जोड़ा, जिससे बकाया रकम गलत तरीके से बढ़ गई. कंपनी ने 2017 से पहले के AGR बकाया की दोबारा जांच की मांग की है ताकि सही रकम का पता लगाया जा सके.
पुराने मामले को समझिए
AGR का मामला लंबे समय से चल रहा है. अक्टूबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसमें टेलीकॉम कंपनियों को 92,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया चुकाने का आदेश दिया गया था. वोडाफोन आइडिया के हिस्से में करीब 70,000 करोड़ रुपये का बकाया है. कंपनी ने पहले भी कैलकुलेशन में गलतियों का हवाला देते हुए कई याचिकाएं दायर की थीं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2024 में उनकी क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी थी.
वोडाफोन आइडिया पर 2.09 लाख करोड़ का कर्ज
वोडाफोन आइडिया पहले से ही आर्थिक तंगी का सामना कर रही है. कंपनी पर कुल 2.09 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसमें AGR और स्पेक्ट्रम बकाया शामिल हैं. हाल ही में कंपनी ने 24,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जिसमें फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) और प्रमोटर फंडिंग शामिल है. कंपनी अब नेटवर्क विस्तार के लिए और कर्ज जुटाने की कोशिश कर रही है.
Source: CNBC