Vodafone Idea : वोडाफोन पर सबसे बड़ी खबर, PMO – वित्त मंत्रालय – कैबिनेट लेने वाले हैं बड़ा फैसला

Vodafone Idea (Vi) को एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाया पर कोई अतिरिक्त राहत केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर सामूहिक रूप से तय की जाएगी. इसमें प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), वित्त मंत्रालय, दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और दूरसंचार विभाग (DoT) शामिल होंगे. यह बात संचार राज्य मंत्री पेम्मासानी चंद्र शेखर ने मनीकंट्रोल को बताई.

मंत्री ने कहा, “हमने हाल ही में उनके बहुत सारे कर्ज को इक्विटी में बदला है. सरकार ने वह सब किया जो हम कर सकते थे. इस समय हमारे पास कोई नई चर्चा या योजना नहीं है.”
किसी एक के फैसले से नहीं बनेगी बात

उन्होंने जोर देकर कहा कि यह मामला किसी एक मंत्रालय के दायरे से बड़ा है. “यह फैसला एक व्यक्ति नहीं ले सकता. इसके लिए मंत्रिमंडल, मोदी जी, वित्त मंत्रालय और सिंधिया जी को एक साथ बैठकर चर्चा करनी होगी. यह छोटी राशि का सवाल नहीं है. अभी कोई फैसला नहीं है.” जब पूछा गया कि क्या DoT ने PMO को ऑपरेटर को राहत देने का प्रस्ताव भेजा है, तो शेखर ने जवाब दिया, “हमें इसकी जानकारी नहीं है.”

क्या है DoT का प्रस्ताव?
रिपोर्ट्स के अनुसार, DoT ने PMO को कई राहत विकल्प सुझाए हैं. इनमें AGR पेमेंट पर दो साल की नई मोहलत, छोटी सालाना किस्तें और जुर्माने व ब्याज पर छूट शामिल हैं.
खस्ताहाल हो चुकी है Vodafone Idea
फिलहाल, वोडाफोन आइडिया पर लगभग 83,400 करोड़ रुपये का AGR बकाया है. मार्च 2026 से 18,000 करोड़ रुपये की सालाना किस्तें शुरू होंगी. सरकार को स्पेक्ट्रम और अन्य बकाये सहित कुल लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है. कंपनी ने चेतावनी दी है कि वैधानिक बकाये पर स्पष्टता न होने से बैंक कर्ज देने से हिचक रहे हैं. इससे कंपनी की अस्तित भी खतरे में है.
सरकार ने फरवरी 2023 और अप्रैल 2024 में दो चरणों में 53,083 करोड़ रुपये के बकाये को इक्विटी में बदला, जिससे वह 49% हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ी शेयरधारक बन गई. इसके बावजूद, कंपनी को गंभीर कैश संकट का सामना करना पड़ रहा है.

Source: CNBC