रिटेल इंवेस्टर्स की हिस्सेदारी बढ़ी
जून 2025 की तिमाही में स्टॉक में रिटेल इंवेस्टर्स की हिस्सेदारी बढ़ी है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर अपलोड किए गए लेटेस्ट शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, वोडाफोन आइडिया के पास अब 60.24 लाख रिटेल इंवेस्टर्स हैं – ये वे लोग हैं जो कंपनी में 2 लाख रुपये तक का निवेश करते हैं. मार्च तिमाही के अंत में कंपनी में 59.06 लाख रिटेल इंवेस्टर्स की हिस्सेदारी थी.
अगर प्रतिशत में बात करें तो जून 2025 की तिमाही में रिटेल इंवेस्टर्स के पास कंपनी की 5.01 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी. वहीं मार्च 2025 तक यह हिस्सेदारी 4.82 प्रतिशत थी.
सरकार के पास सबसे ज़्यादा हिस्सेदारी
अप्रैल और जून के बीच, सरकार ने वोडाफोन आइडिया के 36,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा के बकाया को कंपनी के शेयरों में बदला था. इससे सरकार का स्वामित्व 22% से बढ़कर 49% हो गया, जिससे वह वोडाफोन आइडिया में सबसे बड़ी पब्लिक शेयरहोल्डर बन गई.
म्यूचुअल फंड ने घटाई हिस्सेदारी
दूसरी तरफ़, भारतीय म्यूचुअल फंड, जो दो तिमाहियों से वोडाफोन आइडिया के ज़्यादा शेयर खरीद रहे थे, ने अप्रैल-जून तिमाही के दौरान कंपनी में अपना निवेश कम कर दिया. मार्च के अंत में उनकी हिस्सेदारी 4.5% से घटकर जून के अंत तक 3.88% ही रह गई. यह दिखाता है कि म्यूचुअल फंड की स्टॉक में इस तिमाही दिलचस्पी कम हुई है.
इसके अलावा, एफआईआई की हिस्सेदारी भी स्टॉक में लगभग आधी हो गई है. मार्च तिमाही तक एफआईआई के पास कंपनी में 10.10 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी, जो जून 2025 में 5.98 प्रतिशत हो गई.
शेयर परफॉरमेंस
स्टॉक का अब तक का परफॉरमेंस बिल्कुल भी अच्छा नहीं है. पिछले एक साल में यह स्टॉक 52 प्रतिशत से ज़्यादा गिर चुका है, तो पिछले 5 साल में यह स्टॉक 11 प्रतिशत तक गिर चुका है. स्टॉक का 52 वीक हाई लेवल 16.55 रुपये का है, तो स्टॉक का 52 वीक लो लेवल 6.29 रुपये है. इसका मतलब यह है कि अपने हाई लेवल से 55 प्रतिशत तक गिर चुका है.
Source: Economic Times