कंपनी को मिल सकता है राहत पैकेज
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही टेलीकॉम कंपनी की मदद के लिए कदम उठा सकती है.मनीकंट्रोल के अनुसार, मामले से परिचित लोगों ने कहा कि टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने अनौपचारिक रूप से प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को वोडाफोन आइडिया के लिए संभावित बेलआउट योजनाओं के बारे में बताया है.
सुझाई गई राहत योजना में कई विकल्प शामिल हैं, जैसे वोडाफोन आइडिया को अपने वैधानिक बकाया भुगतान में देरी के लिए दो साल का अतिरिक्त समय देना. फ़िलहाल, कंपनी को इन बकाया राशि के भुगतान से अस्थायी राहत मिल चुकी है.
रिपोर्ट के अनुसार, टेलॉकॉम डिपार्टमेंट के सुझावों में वोडाफोन आइडिया को बकाया भुगतान के लिए अधिक समय देकर दोबारा भुगतान को आसान बनाना, सालाना किस्तों को कम करना और संभवतः एजीआर (एडजस्टिड ग्रोस रेवेन्यू) भुगतान पर जुर्माना और ब्याज को हटाना शामिल है.
वोडाफोन आइडिया गंभीर वित्तीय संकट में है, जिस पर एजीआर से संबंधित लगभग 83,400 करोड़ रुपये बकाया है. मार्च 2025 से, कंपनी को हर साल लगभग 18,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा. मनीकंट्रोल के अनुसार, जुर्माने और ब्याज सहित कुल मिलाकर, कंपनी पर सरकार का लगभग 2 ट्रिलियन बकाया है.
कंपनी ने बार-बार कहा है कि उसकी वित्तीय स्थिति बहुत कमजोर है और वह तभी ठीक रह सकती है जब उसे पर्याप्त वित्तीय सहायता मिले.
सीईओ अक्षय मूंदड़ा ने 18 अगस्त को जून तिमाही की आय कॉल के दौरान कहा कि कंपनी अपने खर्चों के लिए पैसे जुटाने के नए तरीकों की तलाश कर रही है, क्योंकि अनसुलझे एजीआर बकाया मुद्दे के कारण कंपनी को ज़्यादातर बैंक को लोन नहीं दे रहे हैं.
वोडाफोन आइडिया अभी भी वित्तीय स्थिरता हासिल करने की कोशिश कर रही है, और सभी को प्रस्तावित राहत उपायों पर प्रधानमंत्री कार्यालय के फैसले का इंतज़ार है. यह फैसला भारत के प्रतिस्पर्धी दूरसंचार बाजार में कंपनी के अस्तित्व के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है.
Source: Economic Times