कंपनी ने सरकार से मार्च 2026 की समय सीमा से पहले AGR मामले को सुलझाने का आग्रह किया है ताकि बैंकों का भरोसा बढ़े और वित्तीय सहायता मिल सके.
गैर-बैंकिंग फंडिंग पर जोर
मूंदड़ा ने बताया कि कंपनी 25,000 करोड़ रुपये के पूरे फंड की बजाय कम रकम जुटाने पर ध्यान दे रही है, ताकि कैपेक्स साइकिल जारी रहे. उन्होंने कहा, “हम गैर-बैंकिंग सोर्सेज से फंडिंग तलाश रहे हैं, जो कम समय में उपलब्ध हो सकती है.”
सरकार का सपोर्ट और AGR
मूंदड़ा ने कहा कि सरकार ने 36,950 करोड़ रुपये के देय रकम को इक्विटी में बदलकर और क्रेडिट रेटिंग में सुधार के बाद बैंकों के साथ बातचीत फिर शुरू हुई है. उन्होंने कहा, “बैंक AGR पर स्पष्टता चाहते हैं. सरकार हमारी सबसे बड़ी हिस्सेदार है और हमें भरोसा है कि AGR का समाधान निकलेगा.”
उन्होंने पिछले सरकारी सपोर्ट का जिक्र किया जैसे 2019 में स्पेक्ट्रम किश्तों का रोकना, 2021 का सुधार पैकेज, और 2023 व 2025 में देय रकम को इक्विटी में बदलना.
कैपेक्स और नेटवर्क विस्तार
मूंदड़ा ने बताया कि वोडाफोन आइडिया FY26 की पहली छमाही में 5,000-6,000 करोड़ रुपये का कैपेक्स करेगी, जो सितंबर तक पूरा हो जाएगा. 5G रोलआउट में देरी के बावजूद, 4G नेटवर्क की कंपिटीशन बढ़ी है.
उन्होंने कहा, “हमारी मौजूदा निवेश ने हमें बेहतर कंपिटिटीव स्थिति में ला दिया है.” इस तिमाही में कंपनी 5G रोलआउट और मौजूदा इक्विपमेंट्स लगाने पर ध्यान दे रही है. कुछ साइट्स को हटाया जा रहा है, जबकि मौजूदा साइट्स की क्षमता बढ़ाई जा रही है.
मूंदड़ा ने कहा कि छोटी अवधि में साइट्स की संख्या में बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है. इसके लिए नए फंडिंग की जरूरत होगी. कंपनी इंटर्नल कैश से मामूली ग्रोथ करेगी, लेकिन 2-2.5 लाख टावरों तक पहुंचने के लिए नया फंड जरूरी है.
Source: CNBC