क्या है ये डील
SPV 3 का गठन 21 नवंबर 2024 को हुआ था.फिलहाल कंपनी का कोई टर्नओवर नहीं है.वोडाफोन आइडिया करीब ₹1.56 करोड़ इस अधिग्रहण पर खर्च करेगी, जो एक या अधिक किस्तों में 6 महीने में निवेश किया जाएगा.यह ट्रांजैक्शन Related Party Transaction के तहत आता है और बोर्ड व ऑडिट कमिटी से मंजूरी मिल चुकी है.
क्यों हुई ये डील-
Electricity Act, 2003 और Indian Electricity Rules, 2005 के तहत कैप्टिव पावर जेनरेशन के नियमों का पालन करना.कंपनी के संचालन के लिए किफायती रिन्यूएबल एनर्जी सुनिश्चित करना.
टाइमलाइन-अधिग्रहण की प्रक्रिया 6 महीने के भीतर चरणबद्ध तरीके से पूरी होगी.निवेशकों के लिए मतलब- /strong>यह कदम वोडाफोन आइडिया को बिजली लागत कम करने और ऑपरेशनल एफिशिएंसी बढ़ाने में मदद करेगा.रिन्यूएबल एनर्जी के इस्तेमाल से कंपनी का ग्रीन क्रेडेंशियल मजबूत होगा, जो भविष्य में ब्रांड वैल्यू और निवेशकों के भरोसे के लिए सकारात्मक है.हालांकि निवेश रकम छोटी है, लेकिन लॉन्ग-टर्म में पावर कॉस्ट सेविंग्स कंपनी के लिए कितनी फायदेमंद ये तो वक्त ही बताएगा.
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Source: CNBC