VIP Industries Shares: प्रमोटर 15% सस्ते भाव पर बेच रहे हिस्सेदारी, शेयर 5% टूटा, निवेशकों में हड़कंप

VIP Industries Shares: वीआईपी इंडस्ट्रीज लिमिटेड के शेयरों में आज 14 जुलाई को 5% तक की गिरावट देखने को मिली। यह गिरावट इस खबर के बाद आई कि कंपनी के प्रमोटरों ने अपनी 32% हिस्सेदारी बेचने के लिए एक शेयर परचेज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए। इस हिस्सेदारी को शेयर के शुक्रवार के बंद भाव से करीब 15% सस्ते भाव पर बेचा जा रहा है, जिससे निवेशकों में चिंता देखी जा रही है।

3,200 करोड़ रुपये की डील

शेयर परचेज एग्रीमेंट के मुताबिक, कई प्राइवेट इक्विटी फर्में मिलकर VIP इंडस्ट्रीज के प्रमोटरों की 32% हिस्सेदारी को खरीदने वाली हैं। इनमें मल्टीपल्स प्राइवेट इक्विटी फंड IV, मल्टीपल्स प्राइवेट इक्विटी गिफ्ट फंड IV, संविभाग सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड, मिथुन सचेती और सिद्धार्थ सचेती शामिल हैं। इसके साथ ही वे कंपनी में अतिरिक्त 26% तक हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक अनिवार्य ओपन ऑफर भी लाएंगे।

डील की घोषणा रविवार शाम की गई थी, जबकि इसकी जानकारी सबसे पहले हमारे सहयोगी CNBC-TV18 ने शुक्रवार, 10 जुलाई को दी थी। चूंकि ओपन ऑफर की कीमत बाजार भाव से 15% कम है, इसलिए निवेशकों ने इसे नेगेटिव संकेत के रूप में लिया और सोमवार को शेयरों में गिरावट देखने को मिली।

बेचने वाले प्रमोटर समूह में कौन-कौन?

DGP सिक्योरिटीज, केम्प एंड कंपनी लिमिटेड, पीरामल विभूति इनवेस्टमेंट्स लिमिटेड, एल्कॉन फाइनेंस एंड इनवेस्टमेंट्स लिमिटेड, डीजीपी एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, किडी प्लास्ट लिमिटेड और दिलीप पीरामल जैसी संस्थाएं इस लेनदेन में हिस्सेदारी बेचने वाले ग्रुप का हिस्सा हैं।

मार्च तिमाही तक के आंकड़ों के मुताबिक, DGP सिक्योरिटीज के पास कंपनी में 27.01% हिस्सेदारी, विभूति इनवेस्टमेंट्स के पास 15.72% हिस्सेदारी, केम्प एंड कंपनी के पास 2.36% हिस्सेदारी, किडी प्लास्ट के पास 2.34% हिस्सेदारी, एल्कॉन फाइनेंस एंड इनवेस्टमेंट्स के पास 1.98% हिस्सेदारी, DGP एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के पास 1.38% हिस्सेदारी और दिलीप पिरामल के पास 0.45% हिस्सेदारी थी।

बोर्ड पर कंट्रोल और अधिकार

खरीदारों को कंपनी के बोर्ड में बहुमत डायरेक्टर्स नामित करने का अधिकार मिलेगा। हालांकि, दिलीप पिरामल को कंपनी की नॉमिनेशन और रिम्यूनरेशन कमेटी को एक इंडिपेंडेंट डायरेक्टर या उनकी पत्नी/वंशज में से किसी एक को नॉन-इंडिपेंडेंट एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में नामित करने का अधिकार रहेगा। भविष्य में अगर प्रमोटर ग्रुप या दिलीप पिरामल अपनी हिस्सेदारी किसी तीसरे पक्ष को बेचना चाहें, तो खरीदारों को पहले खरीदने का अधिकार (Right of First Offer) और राइट ऑफ फर्स्ट रिफ्यूजल (Right of First Refusal) मिलेगा।

उत्तराधिकार की कमी बनी वजह

VIP इंडस्ट्रीज के प्रमोटरों ने पहले भी यह संकेत दिया था कि वे उत्तराधिकार की कमी के चलते अपनी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रहे हैं। सुबह 9.30 बजे के करीब, वीआईपी इंडस्ट्रीज के शेयर करीब 5 फीसदी की गिरावट के साथ 431.10 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहे थे।

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Source: MoneyControl