लागू हुआ 50 फीसदी का टैरिफ
अमेरिका ने रूस से तेल खरीद के नाम पर भारतीय कंपनियों पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाया जो 27 अगस्त सुबह 9:31 बजे से लागू हो गया है. ये अतिरिक्त टैरिफ पहले से प्रभावी 25 फीसदी के रैसिप्रोकल टैरिफ के ऊपर लगाया गया है. इससे एमएसएमई सेक्टर, खासकर टेक्सटाइल्स, रत्न और आभूषण, ऑटो कंपोनेंट्स, केमिकल्स और सी-फूड जैसे उद्योगों की कंपनियों पर गंभीर प्रभाव पड़ने की आशंका जताई जा रही है. सूत्रों के मुताबिक बाजार फिलहाल ऐसी कंपनियों को लेकर सतर्क दिख रहा है जो एमएसएमई को कर्ज मुहैया कराती हैं.
अगली छमाही से उम्मीद
सूत्रों ने बताया कि वेरिटास फाइनेंस की अगस्त में आईपीओ लाने की योजना थी. लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए अतिरिक्त शुल्क के कारण कंपनी ने योजना रोक दी.
वेरिटास फाइनेंस एमएसएमई को वर्किंग कैपिटल लोन के साथ-साथ गांवों और कस्बों में किफायती घरों के कर्ज, पुराने कमर्शियल व्हीकल के लिए कर्ज और छोटे कारोबारियों के लिए कर्ज उपलब्ध कराती है. कंपनी का लोन पोर्टफोलियो 30 सितंबर 2024 तक 6,517 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 62% अधिक है. आईपीओ से वेरिटास का लक्ष्य लगभग 2,800 करोड़ रुपये जुटाने का था, जिसमें से 600 करोड़ रुपये प्राथमिक पूंजी होती और शेष निवेशकों की ऑफर-फॉर-सेल हिस्सेदारी. कंपनी ने अप्रैल 2024 में सेबी से मंजूरी प्राप्त की थी, जो 12 महीने तक वैध है.
सूत्र के मुताबिक आईपीओ के लिए रोड शो में कंपनियों को निवेशकों से अच्छा रिस्पॉन्स मिला था. ऐसे में कंपनी स्थिति में सुधार का इंतजार कर रही है. सूत्रों का कहना है कि कंपनी अब वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बेहतर बाजार परिस्थितियों की उम्मीद कर रही है और उसी समय आईपीओ लाने पर विचार करेगी. सूत्र के मुताबिक बेहतर संकेत मिलने पर निवेशकों से परामर्श कर उपयुक्त समय पर आईपीओ लाने का फैसला करेगी.
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Source: CNBC