पिछली तिमाही में डील पाइपलाइन को देखते हुए TCS समेत दूसरी आईटी कंपनियां कारोबारी साल 2026 के लिए सतर्कतापूर्ण आशावादी नजरिया रख रही थी. ऐसे में इस बार इन कंपनियों की कमेंट्री पर खास नजर होगी.
TCS के जून तिमाही नतीजों में ये 5 बातें बेहद जरूरी:-
1. आय ग्रोथ: BSNL डील से मिलने वाली आय के अब कम होने से कंपनी की आय ग्रोथ में तिमाही-दर-तिमाही आधार पर गिरावट की उम्मीद है. Kotak Institutional Equities को कंपनी की कॉन्स्टैंट करेंसी (CC) आय में 0.4% गिरावट की उम्मीद है. जबकि, BNP Paribas में इसमें पिछली तिमाही के मुकाबले 1.3% की गिरावट की उम्मीद है.
ICICI Securities को कंपनी की CC आय में 3.4% कमी आने की उम्मीद है. इस ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि BSNL डील अब खत्म होने की वजह से तिमाही आधार पर 300 मिलियन डॉलर की कमी होगी. हालांकि, BFSI सेगमेंट से इसकी कुछ भरपाई हो सकती है.
बिजनेस की बात करें तो TCS अब BSNL आय की भरपाई भारत और दुनियाभर में खोज रही है. इसके पहले तिमाही में कंपनी ने कई सॉवरेन AI, क्लाउड और साइबरसिक्योरिटी ऑफरिंग्स को लॉन्च किया था.
2. मार्जिन पर दबाव: डॉलर के मुकाबले रुपये में हालिया कमजोरी और क्रॉस-करेंसी फायदों से ऑपरेटिंग मार्जिन को बूस्ट मिल सकता है. संभावित तौर पर सुस्त आय ग्रोथ से इसकी भरपाई हो सकेगी. Kotak Equities के एनालिस्टों का मानना है कि EBIT मार्जिन में साल-दर-साल आधार पर दबाव देखने को मिल सकता है.
ग्रोथ से लेवरेज की कमी होने की वजह से इस बार मार्जिन पर असर संभव है. करेंसी में कमजोरी के बावजूद भी, EBIT मार्जिन तिमाही-दर-तिमाही आधार पर सपाट रहने की उम्मीद है. BNP Paribas को उम्मीद है कि मार्जिन 24.2% से कम होकर 23.9% पर आ सकता है.
3. डिस्क्रेशनरी खर्च का आउटलुक: जियो-पॉलिटिकल विवाद और ट्रेंड टेंशन के बीच सुस्ती के बाद भी इंडस्ट्री एनालिस्ट मान रहे हैं कि स्थिति उम्मीद से बेहतर है. बाजार बजट पर आगे की कमेंट्री, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों और डिमांड आउटलुक पर नजर रखेगा. TCS जैसी कंपनियों को नई डील मिलने की स्थिति ठीकठाक रही है. पहली तिमाही के दौरान कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू करीब 8 से 9 अरब डॉलर के करीब रह सकती है.
पहली तिमाही में TCS ने AI, डाटा एनालिटिक्स और डिजिटल इनोवेशन के मोर्चे पर डील्स मिलने की जानकारी दी है. ये डील्स Schneider Electric, Marathon de Paris से मिले हैं. इसके अलावा ICICI Securities और ओमान के Dhofar Insurance से भी डील्स मिली हैं. इसके अलावा BSNL से 4G मोबाइल नेटवर्क के लिए इंजीनियरिंग, टेस्टिंग, मेंटेनेंस और Virgin Atlantic से डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के लिए भी डील मिली है.
4. हायरिंग और वेज हाइक: कंपनी ने पिछली तिमाही में Wage Hike Cycle का टाला था. आमतौर पर यह 1 अप्रैल से शुरू होता है. कंपनी ने मौक्रोइकोनॉमिक मोर्चे पर चुनौतियों को देखते हुए इसे टालने का फैसला लिया था. इसके अलावा कंपनी ने HR पॉलिसी में एक और बदलवा किया है. कंपनी ने अब सभी एसोसिएट्स के लिए हर साल 225 दिन के लिए बिलिंग अनिवार्य कर दिया है. इससे कर्मचारियों के लिए बेंच टाइमलाइन को कम करने में मदद मिलेगी.
ऐसे में इस बार नतीजों पर में फ्रेशर्स और अनुभवी कर्मचारियों और नौकरियों पर AI के असर पर करीबी से नजर होगी. अभी तक TCS इस कारोबारी साल 42,000 फ्रेशर्स की हायरिंग की तैयारी में है.
5. Gen AI पाइपलाइन: IT कंपनियों के लिए जेनरेटिव AI और Agentic AI नए ग्रोथ फ्रंटियर्स के तौर पर उभरे हैं. कई फर्म्स इस तरह की सर्विसेज और सॉल्युशंस पर जोर दे रहे हैं. BNP Paribas और Elara Securities के अनुसार, TCS, Infosys और Wipro को Gen AI में मजबूत ग्रोथ देखने को मिली है. हालांकि, Accenture और TCS के अलावा, ज्यादातर IT फर्म्स अभी तक Gen AI से अच्छी आय नहीं जेनरेट कर सके हैं.
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Source: CNBC