क्या है डील का मकसद
EVs, ऑटोनोमस और सॉफ्टवेयर-ड्रिवन गाड़ियों के लिए एडवांस टेस्टिंग सॉल्यूशन डेवलप करना. टाटा टेक के इंजीनियरिंग और E/E आर्किटेक्चर एक्सपर्टीज़ को एमरसन की सॉफ्टवेयर-बेस्ड टेस्टिंग टेक्नोलॉजी से जोड़ना.ग्लोबल OEMs को तेजी से, सस्ते और स्मार्ट तरीकों से नए वाहन मार्केट में लाने में मदद करना.
कैसे काम करेगा पार्टनरशिप मॉडल
टाटा टेक का फोकस होगा प्लेटफॉर्म डेवेलपमेंट और सिस्टम इंजीनियरिंग पर.Emerson सपोर्ट करेगा टेस्ट रिग्स, वेरिफिकेशन सिस्टम और ऑटोमेटेड वर्कफ्लो के साथ.दोनों कंपनियां EVs, कनेक्टेड व्हीकल्स और अगली पीढ़ी के इंफोटेनमेंट सिस्टम्स के लिए जॉइंट प्रोजेक्ट्स कर रही हैं.
पहलू | विवरण |
बिजनेस स्केलिंग | EV और ऑटोनोमस सेक्टर में ग्लोबल विस्तार का मौका |
टेक्नोलॉजी एडवांटेज | Emerson की दुनिया की टॉप टेस्टिंग टेक्नोलॉजी से जुड़े |
क्लाइंट डाइवर्सिटी | यूरोप और अमेरिका के बड़े ब्रांड्स से काम मिलना शुरू |
ब्रांड स्ट्रेंथ | टाटा ग्रुप का नाम और ग्लोबल भरोसेमंद इंजीनियरिंग |
एक यूरोपियन लक्ज़री ब्रांड के साथ EV पावरट्रेन का टेस्ट रिग सिर्फ 5 महीनों में बना, जबकि सामान्यतः इसमें 15 महीने लगते हैं.एक अन्य प्रीमियम ब्रांड के लिए 30,000 से ज्यादा टेस्ट केस चलाने वाला ऑटोमेटेड वेरिफिकेशन सिस्टम बनाया गया.
कहां हो रहा है ये काम
पायलट प्रोजेक्ट फिलहाल भारत, यूरोप और नॉर्थ अमेरिका में चल रहे हैं.आगे और भी ग्लोबल OEMs को साथ जोड़ने की योजना है.
यह डील दिखाती है कि टाटा टेक्नोलॉजीज अब सिर्फ इंजीनियरिंग नहीं, बल्कि स्मार्ट मोबिलिटी और ऑटो ऑटोमेशन की ग्लोबल लीडरशिप की ओर बढ़ रही है.
EV और ऑटो टेस्टिंग सेगमेंट तेजी से बढ़ रहा है, और यह डील कंपनी को बड़े ऑर्डर हासिल करने की दिशा में ले जा सकती है.
शॉर्ट टर्म में शेयर में पोजिटिव सेंटिमेंट बनेगा-मिड-टू-लॉन्ग टर्म में यह डील Tata Tech को टेक्नोलॉजी फ्रंट पर बड़ी बढ़त दे सकती है. अगर आप लॉन्ग टर्म के निवेशक हैं, तो Tata Technologies इस डील के बाद और भी मजबूत प्लेयर बनकर उभर सकती है. ये साझेदारी कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी, टेक लीडरशिप और ग्लोबल ऑटो ग्राहकों तक पहुंच को कई गुना बढ़ा सकती है.
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Source: CNBC