Suzlon Shares: सुजलॉन में आ सकती है 24% की तेजी, मोतीलाल ओसवाल ने दिया सबसे ऊंचा टारगेट, बताए 5 कारण

Suzlon Energy Shares: सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में मौजूदा स्तर से करीब 24 फीसदी तक की तेजी आ सकती है। जानी-मानी ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है। इतना ही नहीं, मोतीलाल ओसवाल ने सुजलॉन के शेयर को सभी ब्रोकरेज फर्मों में सबसे ऊंचा टारगेट प्राइस दिया है। ब्रोकरेज ने एक-दो नहीं बल्कि कुल 5 कारण बताए हैं, जिसके चलते सुजलॉन के शेयरों में तेजी आ सकती है। आइए इसे विस्तार से जानते हैं।

Suzlon Energy के शेयर को मिला ₹82 का टारगेट

सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में पिछले 6 महीने में करीब 20 फीसदी तेजी आ चुकी है। अब ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने इसे लेकर एक शुक्रवार 11 जुलाई को एक रिपोर्ट निकाली। ब्रोकरेज ने इस शेयर पर अपनी ‘Buy’ की रेटिंग को बरकरार रखा है और इसे 82 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। ये इस शेयर को किसी भी ब्रोकरेज फर्म या मार्केट एनालिस्ट्स की ओर से दिया गया इस समय का सबसे ऊंचा टारगेट प्राइस है। फिलहाल सुजलान एनर्जी के शेयर करीब 65 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहे हैं।

Suzlon Energy पर मोतीलाल ओसवाल इन 5 वजहों से बुलिश

मोतीलाल ओसवाल ने बताया कि उसे कुल 5 वजहों से सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में तेजी आने की उम्मीद है-

1. सबसे बड़ी वजह एक सरकारी नियम है, जिसके मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही तक लागू होने की उम्मीद है। ब्रोकरेज ने बताया कि सरकार की ओर Revised List of Models and Manufacturers (RLMM) का ड्राफ्ट नोटिफिकेशन सितंबर तक जारी होने की उम्मीद है। ये नियम विंड टर्बाइन को बनाने में मेड इन इंडिया कंपोनेंट्स के इस्तेमाल को अनिवार्य बनाता है। ब्रोकरेज का कहना है कि ये नियम सुजलॉन जैसी भारतीय कंपनियों को फायदा पहुंचा सकते हैं। पावर प्रोजेक्ट डेवलपर्स ने इस नोटिफिकेशन को लागू होने में 1 साल तक की देरी की मांग की है। इससे पूरे इंडस्ट्री को तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।

2. ब्रोकरेज ने दूसरी वजह कंपनी को लगातार नए ऑर्डर मिलने की संभावना बताई है, जिसके चलते कंपनी के रेवेन्यू ग्रोथ की संभावनाएं अच्छी बनी हुई हैं। इसे हाल ही में NTPC से 1.5 गीगावॉट का ऑर्डर मिला है।

3. मोतीलाल ओसवाल ने तीसरी वजह कंपनी के मजबूत ऑर्डर बुक को बताया है। ब्रोकरेज ने कहा कि कंपनी को मौजूदा वित्त वर्ष 2026 में 4 गीगावाट का नया ऑर्डर मिलने का अनुमान है। इसके चलते इसके ऑर्डर बुक की साइज बढ़कर 6.6 गीगावाट पर पहुंच जाएगी।

4. मोतीलाल ओसवाल ने चौथी वजह इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम (ISTS) के छूट को धीरे-धीरे खत्म होना बताया है। अगले 4 साल में इस छूट को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा। इससे कुछ राज्यों में ट्रांसमिशन नेटवर्क पर मौजूद भीड़भाड़ और दबाव कम होगा। इससे कंपनियों को प्रोजेक्ट को पूरा करने में आसानी होगी।

5. ब्रोकरेज ने पांचवा रीजन बताया कि कंपनी के ऑर्डर बुक में इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) का हिस्सा लगातार बढ़ रहा है और ये अब करीब 50 फीसदी पर पहुंच गया है। EPC मॉडल के तहत Suzlon को पूरे प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी मिलती है, जिससे समय पर डिलीवरी और लागत नियंत्रण में आसानी होती है। इससे कंपनी के एग्जिक्यूशन पर भरोसा बढ़ता है। ब्रोकरेज का कहना है ये पांचों कारण कंपनी के लॉन्ग टर्म ग्रोथ को सपोर्ट मुहैया कराएंगे।

Suzlon Energy का वैल्यूएशन

मोतीलाल ओसवाल ने बताया कि Suzlon के एक्जिक्यूशन और कमाई में अब सुधार दिखने लगा है। इसके चलते उसने इस शेयर का टारगेट प्राइस उसके दो साल के औसत फॉरवर्ड P/E (27x) के थोड़ा प्रीमियम पर रखा है।

शेयर का प्रदर्शन

मोतीलाल ओसवाल के अलावा फिलहाल 8 एनालिस्ट्स सुजलॉन एनर्जी के शेयर को कवर कर रहे हैं। इनमें से 7 स्टॉक ने इस शेयर को “buy” की रेटिंग दी है। जबकि एक एनालिस्ट्स ने इसे ‘होल्ड’ की रेटिंग दी है। सुजलॉन एनर्जी के शेयरों की बात करें तो इस साल अब तक कंपनी के शेयरों का प्रदर्शन लगभग सपाट रहा है। हालांकि पिछले 3 महीने में इसने करीब 24 फीसदी का मजबूत रिटर्न दिया है। फिलहाल यह शेयर अपने 86 रुपये के 52-वीक हाई से करीब 24 फीसदी ही नीचे कारोबार कर रहा है।

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Source: MoneyControl