IEX में क्यों दिखी तेजी?
IEX (Indian Energy Exchange) देश की सबसे बड़ी बिजली एक्सचेंज है, जहां रियल-टाइम और शॉर्ट टर्म बिजली ट्रेडिंग होती है.अब जब MCX बिजली वायदा (Electricity Futures) लॉन्च करेगा, तो उसे IEX से ही डेटा और बेंचमार्क प्राइसिंग मिलनी है.
इसका मतलब है कि IEX का उपयोग वायदा सौदों के बेस प्राइस के रूप में होगा.
यही वजह है कि खबर के बाद IEX के शेयरों में खरीदारी देखने को मिली.
इस कदम से क्या होगा फायदा?
बिजली के दामों में पारदर्शिता बढ़ेगी. बिजली कंपनियों और बड़े उपभोक्ताओं को हेजिंग का विकल्प मिलेगा.एनर्जी सेक्टर में फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स की विविधता बढ़ेगी
क्यों है यह कदम अहम
यह पहली बार है जब भारत में बिजली जैसे कॉमोडिटी के लिए वायदा ट्रेडिंग शुरू होने जा रही है. दुनिया के कई देशों में बिजली का फ्यूचर्स कारोबार पहले से होता है, लेकिन भारत में यह अब तक शुरू नहीं हुआ था.
SEBI की मंजूरी के बाद MCX इस नए प्रोडक्ट को जल्द लॉन्च कर सकता है, और IEX की भूमिका यहां अहम रहने वाली है.
(डिस्क्लेमर: CNBC TV18 हिंदी/ CNBC आवाज पर दी गई सलाहें या विचार एक्सपर्ट, ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार हैं, वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके प्रति जिम्मेदार नहीं है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार या सर्टिफाइड एक्सपर्ट से राय जरूर लें.)
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) को अब SEBI से बिजली वायदा सौदों (Electricity Derivatives) की शुरुआत के लिए मंजूरी मिल गई है.
इसके साथ ही भारत के ऊर्जा बाजार में एक नई शुरुआत हो रही है, जो बिजली की कीमतों में उतार-चढ़ाव से निपटने में बड़ी मदद करेगी.
अब बिजली उत्पादक कंपनियां, डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियां और बड़े औद्योगिक उपभोक्ता बिजली की कीमतों में बदलाव से बचाव (हेजिंग) कर सकेंगे.MCX ने कहा है कि इन सौदों से ऊर्जा बाजार में पारदर्शिता और कुशलता बढ़ेगी.यह कदम खासतौर पर रिन्यूएबल एनर्जी और ओपन एक्सेस पावर मार्केट्स के विस्तार को देखते हुए अहम माना जा रहा है.
पुराने विवाद का हल
बिजली डेरिवेटिव्स को लेकर SEBI और CERC (Central Electricity Regulatory Commission) के बीच लंबे समय से अधिकारों का विवाद चला आ रहा था. अब SEBI ने स्पष्ट कर दिया है कि:
अगर कैश सेटलमेंट (बिना बिजली की डिलीवरी) वाला सौदा होगा तो यह सिर्फ SEBI के दायरे में आएगा.अगर डिलीवरी अनिवार्य होगी, तो SEBI और CERC दोनों की निगरानी में आएगा.
और कौन उतर रहा है मैदान में?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने भी हाल में बताया कि उन्हें SEBI से बिजली डेरिवेटिव्स लॉन्च करने की इन-प्रिंसिपल मंजूरी मिल गई है.
बड़ा बाजार, बड़ा मौका
FY25 में MCX का 98% मार्केट शेयर रहा है कमोडिटी फ्यूचर्स ट्रेडिंग में.
अब बिजली वायदा सौदों की एंट्री से MCX और NSE दोनों के लिए नया मौका खुल गया है.
Source: CNBC