Stock Markets: मार्केट में लौटी तेजी, लेकिन प्रॉफिट बनाने के लिए इन लेवल्स का रखें खास ध्यान

स्टॉक मार्केट में कारोबार की शुरुआत 4 जून को हरे निशान में हुई। हालांकि, बीते कुछ सत्रों में मार्केट पर दबाव दिखा है। 3 जून को निफ्टी और सेंसेक्स में लगातार तीसरे सत्र गिरावट देखने को मिली। बुल्स और बेयर्स की लड़ाई में फिलहाल बेयर्स का पलड़ा भारी दिख रहा है। इसके 3 जून को निफ्टी 24,600 के नीचे बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स में 650 अंक की गिरावट आई। विदेश से अच्छी खबरें नहीं आ रहीं। इकोनॉमिक ग्रोथ में सुस्ती दिख रही है। उधर जियोपॉलिटिकल टेंशन भी बढ़ रहा है। इन सबका असर मार्केट के सेंटिमेंट पर पड़ रहा है।

FIIs ने की बड़ी बिकवाली

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने 3 जून को 2,854 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 5,098 करोड़ रुपये की खरीदारी की। इस साल (2025) अबतक FIIs 1.27 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेच चुके हैं। इधर, DIIs ने इस दौरान 2.86 लाख करोड़ रुपये की खरीदारी की है।

निफ्टी के 24,850 के पार जाने पर आएगी तेजी

निफ्टी अगर 24,850 के लेवल को पार कर जाता है तो मार्केट में शॉर्ट कवरिंग देखने को मिल सकती है। इससे निफ्टी 50 अहम मनोवैज्ञानिक स्तर 25,000 की तरफ बढ़ने की कोशिश करेगा। हालांकि, इस लेवल पर पहुंचने के बाद Nifty को स्ट्रॉन्ग रेसिस्टेंस का सामना करना पड़ेगा। अगर मोमेंटम की बात की जाए तो रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) न्यूट्रल 50 के लेवल के करीब बना हुआ है। इससे बुल्स की ताकत घटने का संकेत मिलता है। जब तक निफ्टी 24,850 के लेवल को पार नहीं कर लेता है मार्केट में ‘Sell on rise’ यानी तेजी पर बिकवाली का ट्रेंड बना रहेगा।

बैंक निफ्टी के लिए 55,500-55,300 का लेवल काफी अहम

सैमको सिक्योरिटीज के धुपेश धमीजा ने कहा कि टेक्निकली बैंक निफ्टी अपने 10 डे EMA के ऊपर बना हुआ है। इसमें एक खास रेसिस्टेंस जोन के करीब ट्रेडिंग हो रही है। इससे यह संकेत मिलता है कि बायर्स अब भी लोअर लेवल पर एक्टिव हैं। इससे हर गिरावट पर खरीदारी दिख रही है। बैंक निफ्टी के लिए 55,500 से 55,300 का लेवल काफी अहम है।

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इन आंकड़ों का रखें खास ध्यान

India VIX यानी वोलैटिलिटी इंडेक्स 3.51 फीसदी की नरमी के साथ 16.55 पर आ गया है। इसके बावजूद यह 15 के मनोवैज्ञानिक कम्फर्ट जोन के ऊपर बना हुआ है। यह इस बात का संकेत है कि मार्केट में अनिश्चितता जारी रह सकती है। निफ्टी पुट-कॉल रेशियो 3 जून को गिरकर 0.82 फीसदी पर आ गया। PCR का बढ़ना या इसके 1 के पार जाने का मतलब है कि सेलर्स कॉल ऑप्शंस से ज्यादा पुट ऑप्शंस बेच रहे हैं। यह इस बात का संकेत है कि मार्केट में बुलिश सेंटिमेंट को मजबूती मिल सकती है। अगर यह रेशियो 0.7 से नीचे जाता है या 0.5 की तरफ बढ़ता है तो इसका मतलब यह है कि कॉल्स में बिकवाली पुट में बिकवाली से ज्यादा है, जो बेयरिश मूड का संकेत है।

Source: MoneyControl

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