Stock Market News: 30 दिन में इन कंपनियों के प्रमोटर्स ने अचानक बेचे ₹95000 करोड़ के शेयर- जानिए किसने खरीदने और क्या होगा शेयरों का

मार्च 2025 तक का डेटा बताता है कि भारत के टॉप 200 लिस्टेड कंपनियों में अब मालिकाना हक का नक्शा तेजी से बदल रहा है.कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, BSE-200 कंपनियों में प्राइवेट प्रमोटर्स की हिस्सेदारी मार्च 2021 में 43% थी, जो मार्च 2025 तक घटकर 37% रह गई है. यानी बीते चार सालों में प्रमोटर्स ने लगातार अपने शेयर बेचे हैं.

कौन खरीद रहा है ये हिस्सेदारी-घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) – जैसे म्यूचुअल फंड्स, बैंक्स और बीमा कंपनियों ने अपनी हिस्सेदारी 20.9% से बढ़ाकर 25.2% कर ली है.
इस बढ़त का बड़ा कारण है आम निवेशकों की SIP और म्यूचुअल फंड्स में लगातार आ रही रकम, जो कि कीमतों की परवाह किए बिना आती है.

विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी घटी
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की हिस्सेदारी भी कम हुई है – 24.4% से गिरकर अब 20.2% पर आ गई है.
जून 2025 में प्रमोटर्स ने की ज़ोरदार बिकवाली
सिर्फ जून में प्रमोटर्स और प्राइवेट इक्विटी फंड्स ने करीब ₹95,000 करोड़ ($11 बिलियन) की हिस्सेदारी बाजार में बेची है.
इसमें Bharti Airtel, IndiGo, Bajaj Finserv, Hindustan Zinc जैसे बड़े नाम शामिल हैं.

ITC में British American Tobacco ने अकेले ही $1.5 बिलियन की बिक्री की, वहीं Reliance ने Asian Paints में $1.1 बिलियन का हिस्सा बेचा.
म्यूचुअल फंड्स ने मौके पर उठाया फायदा
जैसे-जैसे प्रमोटर्स और FPI बिकवाली करते गए, म्यूचुअल फंड्स और अन्य घरेलू संस्थानों ने बाजार में उतरकर माल उठाया.
जनवरी से जून 2025 के बीच DIIs ने कुल $41 बिलियन की खरीदारी की है, जबकि FPIs और प्रमोटर्स की ओर से कुल $41 बिलियन की बिकवाली दर्ज हुई.
मार्च से मई तक रिटेल निवेशक सीधे शेयर बेच रहे थे, लेकिन जून 2025 में फिर से नेट खरीदार बन गए. ग्राफ से पता चलता है कि जून में हल्की सी पॉजिटिव रिटेल फ्लो वापस आई है.
म्यूचुअल फंड्स ने बड़ी मात्रा में हिस्सेदारी खरीदी, खासकर तब जब प्रमोटर्स ने भारी बिक्री की.कुछ कंपनियों जैसे Whirlpool, Kalpataru, Syngene, APL Apollo और IRB Infra में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 20-30% तक गिरी, वहीं म्यूचुअल फंड्स की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी.
घरेलू निवेशकों की भागीदारी अब विदेशी निवेशकों को पछाड़ने के करीब है.
कुल मिलाकर-भारतीय शेयर बाजार में अब म्यूचुअल फंड्स और आम निवेशकों की ताकत बढ़ रही है. प्रमोटर्स भले ही शेयर बेच रहे हों, लेकिन घरेलू निवेशक बाजार में भरोसे के साथ डटे हुए हैं. इससे एक बात साफ है — भारत में अब निवेश का असली गेम देश के अंदर से चल रहा है.
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Source: CNBC