Stock Market News:ऐसा क्या हुआ जो DIIs ने 5 महीने में लगा दिए 3 लाख करोड़ का निवेश, आगे क्या होगा!

घरेलू संस्थागत निवेशकों यानी DIIs ने साल 2025 में अब तक भारतीय शेयर बाजार में 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है. ये आंकड़ा साल के अभी बाकी बचे छह महीनों से पहले ही पार हो गया है, जिससे ये साफ है कि निवेशकों का भरोसा बाजार में बना हुआ है.

DII निवेश साल दर साल
2020 में हल्की बिकवाली देखी गई थी. 2021 में निवेश बढ़ा था.2022 में करीब 2.76 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया. 2023 में 1.82 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया.
2024 में रिकॉर्ड स्तर पर 5.23 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया. 

2025 में अब तक ही 3 लाख करोड़ रुपये का निवेश पार कर चुका है.
क्यों इतना पैसा लगा रहे हैं DIIs- मई में जबरदस्त तेजी देखी गई, 66000 करोड़ रुपये का निवेश किया है. जून में अब तक करीब 29000 करोड़ रुपये की खरीदारी की थी. ब्लॉक डील्स के जरिए तेजी से पैसा लगाया गया.
मजबूत कमाई की उम्मीद, रुपया मजबूत और घरेलू नीति सपोर्ट ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया.
कौन कर रहा है निवेश
म्यूचुअल फंड्स सबसे आगे, अब तक 1.98 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया. बीमा कंपनियां ने 42220 करोड़ रुपये और पेंशन फंड्स ने 17543 करोड़ रुपये का योगदान दिया.बैंक इस दौरान 9450 करोड़ रुपये के शुद्ध विक्रेता यानी नेट सेलर रहे.

अजय गर्ग (SMC ग्लोबल) ने मनीकंट्रोल को बताया कि हालिया 50 बेसिस प्वाइंट की रेपो कटौती और CRR में राहत से लोन सस्ता हुआ है, जिससे मांग और निवेश को बढ़ावा मिलेगा.निकुंज साराफ (चॉइस वेल्थ) कहते हैं कि तीन बड़े कारण DIIs को मजबूती दे रहे हैं
नियमित SIP निवेश
RBI का पॉलिसी समर्थन
कंपनियों के संभावित अच्छे नतीजे
2025 में अब तक सेंसेक्स में 5.5 फीसदी और निफ्टी में 6.2 फीसदी की तेजी आई है. मिडकैप सिर्फ 0.3 फीसदी चढ़ा, जबकि स्मॉलकैप में 2 फीसदी की गिरावट आई है. मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे ने कहा कि बाजार में तेजी बनी रहेगी, लेकिन कमाई में गिरावट या ग्लोबल झटकों से करेक्शन आ सकता है
निवेशकों के लिए सलाह
मजबूत कंपनियों में निवेश बनाए रखें
वोलैटिलिटी को मौके की तरह देखें
Q1 FY26 के नतीजे और ग्रामीण मांग पर नजर रखें
कुल मिलाकर-अब तक के आंकड़े और निवेशकों का रुझान साफ बताते हैं कि भारतीय शेयर बाजार में DII की भूमिका एक मजबूत बैकबोन की तरह बनी हुई है. निवेशक भरोसे के साथ बाजार में बने हुए हैं, और अगर कंपनियों के नतीजे बेहतर आए तो ये रफ्तार आगे भी जारी रह सकती है.

Source: CNBC