18 जुलाई को रिलायंस इंडस्ट्रीज, 19 जुलाई को एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक अपने नतीजे पेश करेंगे. एक्सपर्ट मान रहे हैं कि अगले हफ्ते की शुरुआत पूरे बाजार के लिए और बैंक निफ्टी के लिए बेहद अहम होगी, क्योंकि दायरे मे कारोबार कर रहे इंडेक्स इन नतीजों के बाद एक दिशा पकड़ सकते हैं.
क्या रहा बाजार में खास
सीएनबीसी आवाज के मैनेजिंग एडिटर अनुज सिंघल के मुताबिक निफ्टी और बैंक निफ्टी दोनों के लिए 20 DEMA अहम हो गया है लेकिन खास बात है कि निफ्टी में 20 DEMA का रजिस्टेंस है वहीं बैंक निफ्टी को 20 DEMA पर सपोर्ट मिल रहा है. गुरुवार को निफ्टी एक बार फिर 20 DEMA को पार नही कर सका.
बाजार फिलहाल ऑप्शंस राइटर्स की मजबूत पकड़ में है. वहीं बैंक स्टॉक और रिलायंस में नरमी का बाजार पर असर देखने को मिला है. इसके साथ ही बाजार को आईटी स्टॉक्स की तरफ से भी काफी नुकसान मिला है.
उनके मुताबिक बैंक निफ्टी की असली परीक्षा सोमवार को होगी क्योंकि शनिवार को 2 बड़े नतीजे आने वाले हैं.
क्या है ट्रेडर्स के लिए सलाह
जे एम फाइनेंशियल के राहुल शर्मा के मुताबिक बाजार का एक दायरे में कारोबार जारी है और फिलहाल निफ्टी को 25 हजार पर सपोर्ट मिला हुआ है. ऊपर में रजिस्टेंस 25300 का है. उनके मुताबिक 300 अंक के दायरे में बाजार काम करेगा और जिस तरफ की रेंज पहले टूटी बाजार उसी तरफ दिशा ले सकता है.
उनके मुताबिक फिलहाल गिरावट पर खरीद की सलाह है. अगले कुछ दिनों में बड़े नतीजे आने जा रहें हैं संभव है कि कंसोलिडेशन अगले हफ्ते की शुरुआत तक खत्म होगा और बाजार एक दिशा ले सकता है.
इसके साथ ही सलाह है कि पोजीशनल ट्रेडर्स 24500 का बेस बनाकर चलें. वहीं अगर नजरिया एक से 2 महीने का है तो बाजार के संकेत पॉजिटिव हैं और पॉजिटिव संकेत मिलने पर आज नहीं तो कल निफ्टी 26 हजार का स्तर पार कर नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकता है.
क्या है निवेशकों के लिए एक्सपर्ट्स की राय
Padigree Advisory के फाउंडर दिलीप भट्ट के मुताबिक अभी तक आए नतीजों पर नजर डालें तो आमतौर पर ये अनुमान से कम रहे हैं, वहीं मैनेजमेंट की कमेंट्री से भी इस बात का भरोसा नहीं मिल रहा कि दूसरी तिमाही में सब कुछ ठीक हो जाएगा.
उन्होने कहा कि अगर एफआईआई की सपोर्ट नहीं मिला तो कुछ समय तक कंसोलिडेशन बना रह सकता है और बाजार दायरे में रह सकता है.हालांकि उन्होने कहा कि एफएमसीजी सेक्टर में संकेत बेहतर है और अगले कुछ तिमाही में यहां मूवमेंट देखने को मिल सकता है.
Valentis Advisors के फाउंडर और एमडी ज्योतिवर्धन जयपुरिया के मुताबिक भारत इस समय ऐसी स्थिति में पहुंच गया है जहां मैक्रो जैसे इकोनॉमिक ग्रोथ इंफ्लेशन के संकेत मजबूत हैं लेकिन माइक्रो जैसे कंज्यूमर डिमांड और कंपनियों के प्रदर्शन को लेकर अपनी अपनी चिंताएं हैं.
उनके मुताबिक अनुमान है कि पहली तिमाही के नतीजों में 6-7 फीसदी का अर्निंग ग्रोथ आ सकता है. जो कि बहुत अच्छा संकेत नहीं है लेकिन पिछले साल के मुकाबले बेहतर है.
अनुमान है कि धीरे धीरे आगे के तिमाही में ग्रोथ आ सकती है. आईटी के नतीजे खास नहीं है लेकिन ये अनुमान के मुताबिक ही हैं. कैपिटल गुड्स, सीमेंट में कुछ कंपनियों के नतीजे अच्छे आ सकते हैं. हालांकि बैंक पर NIM का दबाव देखने को मिल सकता है.
उनके मुताबिक टैक्स को लेकर कदमों, ब्याज में कटौती और बेहतर मानसून से उम्मीद है कि कंज्यूमर डिमांड धीरे धीरे बढ़ेगी. इसमें AC को छोड़कर बाकी व्हाइट गुड्स सेग्मेंट को फायदा मिल सकता है. ज्वैलरी सेग्मेंट की वैल्यूएशन का सवाल है लेकिन यहां भी डिमांड देखने को मिल सकती है.
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Source: CNBC