आइए आसान भाषा में समझते हैं गिरावट की 6 बड़ी वजहें
1- बजाज फाइनेंस के Q1 नतीजों से झटका-कंपनी का प्रॉफिट सालाना आधार पर 22% बढ़कर ₹4,765 करोड़ हुआ, लेकिन…टू-व्हीलर/थ्री-व्हीलर और MSME लोन में क्रेडिट कॉस्ट बढ़ा है.MSME पोर्टफोलियो में फरवरी से स्ट्रेस दिख रहा है, Q2 में ग्रोथ धीमी रहने की चेतावनी.नतीजों के बाद शेयर 6% टूट गया और इसका असर पूरे फाइनेंशियल सेक्टर पर पड़ा.
2- India VIX में 7% उछाल-India VIX यानी वोलैटिलिटी इंडेक्स 7% चढ़कर 11.43 पर पहुंचा.ये इंडेक्स जब बढ़ता है, तो ट्रेडर्स की घबराहट और बाजार में डर को दर्शाता है.इससे बिकवाली बढ़ जाती है.
3-रुपया कमजोर हुआ-डॉलर के मुकाबले रुपया 19 पैसे टूटकर ₹86.59 पर पहुंचा.FII बिकवाली और शेयर बाजार की गिरावट ने रुपये को दबाव में डाला.
4-FII की लगातार बिकवाली-सिर्फ गुरुवार को ₹2,134 करोड़ की नेट बिकवाली.पिछले 4 दिनों में FII ने ₹11,572 करोड़ की बिकवाली की है.यही बिकवाली बाजार पर भारी पड़ रही है.
5- ग्लोबल संकेत भी कमजोर-जापान का निक्केई, चीन का शंघाई और हांगकांग का हैंगसेंग—all लाल निशान में.अमेरिका के बाजारों में भी मिक्स्ड ट्रेडिंग रही, जिससे अनिश्चितता और बढ़ी.
6- कच्चे तेल के दाम में बढ़ोतरी-ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 0.39% बढ़कर $69.45 प्रति बैरल पहुंच गया.भारत जैसे तेल आयातक देश के लिए ये चिंता की बात है, महंगाई बढ़ने का डर.
आगे क्या? Geojit के चीफ मार्केट स्ट्रैटजिस्ट आनंद जेम्स ने मनीकंट्रोल को बताया कि अगर निफ्टी 24,900 के नीचे टिकता है तो 24,750–24,000 तक गिर सकता है. अगर 24,900 पर सपोर्ट बन गया तो कुछ दिन साइडवेज ट्रेडिंग हो सकती है.
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Source: CNBC