अब सवाल उठाता है कि आखिरी क्यों और शेयर बेच रहा है….
गंगवाल फैमिली की हिस्सेदारी की कहानी
जून 2022: 36.6%
जून 2025: 7.81%
आज की डील के बाद 5.6% यानी तीन साल में गंगवाल फैमिली ने लगातार हिस्सेदारी बेचकर अब लगभग पूरी तरह से एग्जिट की तैयारी कर ली है.
कब-कब बेचे शेयर | कितना हिस्सा बेचा | किस भाव पर बेचा | रकम जुटाई |
सितम्बर 2022 | 3% | ₹1,927 | ₹2,447 करोड़ |
फरवरी 2023 | 4% | ₹1,882 | ₹2,936 करोड़ |
अगस्त 2023 | 4.5% | ₹2,454 | ₹4,238 करोड़ |
मार्च 2024 | 5.8% | ₹3,242 | ₹7,294 करोड़ |
अगस्त 2024 | 5.83% | ₹4,759 | ₹10,707 करोड़ |
मई 2025 | 5.7% | ₹5,250 | ₹11,928 करोड़ |
अगस्त 2025 | 2.2% | ₹5,838 | ₹5,177 करोड़ |
कुल मिलाकर अब तक ₹46,000 करोड़ से ज्यादा जुटा चुके हैं.
शेयरहोल्डिंग पैटर्न (आज की डील के बाद)
भाटिया & इंटरग्लोब एंटरप्राइजेज: 35.73%
गंगवाल फैमिली ट्रस्ट: 5.6%
कुल प्रमोटर होल्डिंग: 40.44%
प्रमोटर्स के बीच तकरार के बाद राकेश गंगवाल और उनका परिवार 2022 में ही ऐलान किया था कि वे इंडिगो (InterGlobe Aviation) में अपनी हिस्सेदारी अगले पांच सालों में धीरे-धीरे बेच देंगे.
साल 2022 से अब तक वे करीब 31% हिस्सेदारी बेचकर ₹46,000 करोड़ से ज्यादा जुटा चुके हैं. इंडिगो में उनका अब सिर्फ 5.6% हिस्सा बचा है.
इंडिगो में आगे क्या-फरवरी–मार्च 2026 में अगली ब्लॉक डील हो सकती है. गंगवाल फैमिली पूरी हिस्सेदारी बेच सकती है.कंपनी का मैनेजमेंट अब भाटिया ग्रुप के कंट्रोल में रहेगा.
अगर शेयर है तो क्या करना चाहिए किसी निवेशक को- कुल मिलाकर 25 में से 20 ब्रोकरेज ने Buy की सलाह दी
सबसे ऊंचा टारगेट: ₹7,256
सबसे कम टारगेट: ₹4,050
इंडिगो के लिए पॉजिटिव ट्रिगर
कॉस्ट कटिंग और no-frills मॉडल पर फोकस है. बड़े एयरक्राफ्ट ऑर्डर से ग्रोथ की बात काफी बेहतर है. मजबूत प्राइसिंग पावर और spreads बनाए रखना. भारत में एविएशन डिमांड लगातार बढ़ रही.
शॉर्ट टर्म में ब्लॉक डील से शेयर पर दबाव रह सकता है, लेकिन लंबी अवधि में इंडिगो एविएशन सेक्टर का सबसे मजबूत खिलाड़ी है. अगर आप लंबे समय के लिए निवेश कर रहे हैं, तो गिरावट पर खरीदारी का मौका मिल सकता है.
Source: CNBC