आने वाले दिनों की बात करें तो बाजार के नजरिए से अमेरिका और अलग-अलग देशों (खासतौर पर चीन और भारत) के बीच ट्रेड को लेकर बातचीत अहम रहेगी. भारत का अमेरिका के साथ सर्विसेज का ज्यादा व्यापार है, लेकिन यह देखना बाकी है कि अगर दुनिया भर की सप्लाई चेन चीन पर अपनी निर्भरता कम करती हैं, तो क्या भारत को इसका फायदा मिल पाएगा या नहीं.
भारतीय बाजारों में दिखी मजबूती
भारतीय शेयर बाजारों ने सितंबर 2024 की गिरावट के बाद बहुत तेजी से वापसी की है और दुनिया और भारत में जारी राजनीतिक तनाव के बावजूद मजबूती दिखाई है. बाजारों में इस सुधार के साथ ही कैपिटल मार्केट की गतिविधियों में बढ़ोतरी देखने को मिली हैं, चाहे वह प्राइमरी मार्केट (नई कंपनियों की लिस्टिंग ) हो या सेकेंडरी मार्केट.
किन कंपनियों को मिला फायदा
हमें लगता है कि बाजार में जो तेजी आई है, उसका फायदा उन कंपनियों को ज्यादा मिल रहा है जो :
(a) तेजी से बढ़ने की क्षमता रखती हैं, और
(b) जो सोच-समझकर अपनी पूंजी का इस्तेमाल करती हैं, ताकि लंबी अवधि में वैल्यू बना सकें
हमें उम्मीद है कि यह ट्रेंड वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में जो कुछ कंपनियां पीछे रह गई थीं, उनकी स्थिति में सुधार लाएगा.
क्या है बाजार के लिए पॉजिटिव
हम भारतीय बाजार को लेकर सकारात्मक हैं, और इसके कई कारण हैं:
(i) लगातार तेज जीडीपी ग्रोथ (आर्थिक विकास) रेट
(ii) प्रति व्यक्ति की बढ़ती आमदनी
(iii) वित्तीय सेवाओं और डिजिटल तकनीकों को अपनाना
(iv) सरकार की सहायक नीतियां
ये सभी बातें भारत की कंपनियों के लिए स्थिर और लगातार ग्रोथ का रास्ता बना सकती हैं.
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Source: CNBC