महंगाई के आंकड़े (Inflation Data)
12 सितंबर को अगस्त 2025 का कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) जारी होगा. यह आंकड़ा सीधे तौर पर RBI की ब्याज दर नीति और बाजार की धारणा पर असर डालेगा.
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के SVP (रिसर्च) अजीत मिश्रा ने कहा कि आने वाला हफ्ता घरेलू और वैश्विक स्तर पर आंकड़ों पर भारी रहेगा. मिंट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर, अगस्त (12 सितंबर) के महंगाई के आंकड़ों, बैंक लोन, डिपॉजिट ग्रोथ और विदेशी मुद्रा भंडार पर भी कड़ी नजर रहेगी- खासकर बैंकों के हालिया कमजोर प्रदर्शन को देखते हुए.
अमेरिकी आर्थिक डेटा (US Data Releases)
इस हफ्ते अमेरिका से CPI, PPI, जॉबलेस क्लेम्स और कंज्यूमर सेंटिमेंट जैसे आंकड़े आएंगे. इनसे फेडरल रिजर्व के ब्याज दर फैसलों के संकेत मिलेंगे और विदेशी पूंजी प्रवाह प्रभावित होगा.
ट्रंप टैरिफ (Trump Tariff)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नया एग्जीक्यूटिव ऑर्डर साइन किया है. अगर ट्रेडिंग पार्टनर्स एग्रीमेंट करते हैं तो धातुओं, फार्मा और केमिकल्स जैसे 45 कैटेगरी पर जीरो इंपोर्ट ड्यूटी लगेगी. भारत पर इसका परोक्ष असर देखने को मिल सकता है.
विदेशी और घरेलू निवेशक (FIIs & DIIs)
पिछले शुक्रवार को FIIs ने 1,305 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि DIIs ने 1,821 करोड़ रुपये की नेट खरीदारी की. 2025 में अब तक FIIs 2.15 लाख करोड़ रुपये के नेट सेलर रहे हैं, जबकि DIIs ने 5.24 लाख करोड़ रुपये की खरीदारी की है.
बैंकिंग और फॉरेक्स डेटा
क्रेडिट-डिपॉजिट ग्रोथ और फॉरेक्स रिजर्व के आंकड़े भी बाजार की दिशा तय करेंगे. हाल ही में बैंकों के अंडरपरफॉर्मेंस को देखते हुए निवेशकों की नजर इस सेक्टर पर रहेगी.
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Source: CNBC