वहीं, Ambit के Rahul Mody का कहना है कि बाजार में करेक्शन के चलते डील्स वैल्यूएशन के लिहाज़ से ज्यादा रियलिस्टिक हो गई हैं.सेकेंडरी डील्स में कुछ छूट (discount) मिलना सामान्य बात है.
प्राइवेट इक्विटी की एंट्री और एग्जिट से M&A को बूस्ट
प्राइवेट इक्विटी फर्म्स की एक्टिव एंट्री और एग्जिट से M&A की पाइपलाइन मजबूत हो रही है.बड़े कॉर्पोरेट हाउस भी हाल में बड़ी डील्स कर चुके हैं.
IT सेक्टर की सुस्ती पर चिंता-Samir Arora (Helios Capital) का कहना है कि IT कंपनियों ने नई टेक्नोलॉजी में निवेश नहीं किया है.केवल बाजार की उम्मीदों पर खरे उतरने के लिए कंपनियां काम कर रही हैं, ग्रोथ ट्रेंड 3–4% पर अटक गया है.
फाइनेंशियल्स में रिकवरी की उम्मीद
समीर अरोड़ा का मानना है कि भारत में महंगाई, ब्याज दर और ग्रोथ के आंकड़े पॉजिटिव हैं.फाइनेंशियल सेक्टर में ग्रोथ रेट में रिकवरी दिख सकती है.
ऑटो सेक्टर में क्या हो रहा है?
Jay Kale (Elara Capital) के अनुसार Tesla के भारत में आने से महिंद्रा पर फिलहाल ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.अगर पहली बार गाड़ी खरीदने वाले ग्राहक फिर से लौटते हैं तो यह Maruti के लिए बड़ा ट्रिगर होगा.FY26 में 2-व्हीलर इंडस्ट्री में 7% ग्रोथ की उम्मीद है, जो PVs और CVs से तेज होगी.
Flexi Cap फंड्स में हो रही है दमदार परफॉर्मेंस-समीर अरोड़ा ने कहा कि Flexi Cap Funds अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.वह Consumer, IT और Financials सेक्टर को लॉन्ग टर्म में अच्छे मौके मानते हैं.बाजार में गहरी चाल के साथ गहरी सोच की भी जरूरत है. IPOs और M&A से निवेशकों को कई मौके मिल सकते हैं, वहीं IT और ऑटो सेक्टर पर नजर रखना जरूरी होगा. Flexi Cap Funds और फाइनेंशियल सेक्टर में फिलहाल अच्छी संभावनाएं दिख रही हैं.
Source: CNBC