नए बिल का मकसद सभी पे-टू-प्ले ऑनलाइन गेम्स को प्रतिबंधित करना है, चाहे वे गेम ऑफ स्किल हों या गेम ऑफ चांस. इस कानून के लागू होते ही पूरे भारत में रेग्युलेटेड रियल मनी गेमिंग (RMG) प्लेटफॉर्म्स का ऑपरेशन ठप हो सकता है.
क्या है सरकार का तर्क?
सरकार ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि ऑनलाइन मनी गेमिंग सामाजिक जोखिम पैदा करती है. ये युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन रही है. वहीं, इंडस्ट्री जगत के सदस्यों ने इसका विरोध जताया है.
कंपनी ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा कि Nazara का RMG बिज़नेस में कोई सीधा एक्सपोज़र नहीं है. हालांकि, उसका मूनशाइन में 46.07% हिस्सा है, जो PokerBaazi का ऑपरेशन संभालती है. कंपनी ने साफ किया कि RMG से उसकी कमाई और EBITDA का योगदान शून्य है.
क्या बोली कंपनी?
Nazara Technologies के संस्थापक और सीईओ नितीश मिटरसेन ने CNBC-TV18 से बातचीत में कहा कि अगर रियल-मनी गेमिंग पर पाबंदी लगती है, तो कंपनी का ₹805 करोड़ का PokerBaazi में निवेश जोखिम में आ सकता है. हालांकि उन्होंने भरोसा जताया कि Nazara का कोर प्लेटफॉर्म मजबूत है और अन्य अवसर तलाशे जा सकते हैं.
इस बीच, घरेलू ब्रोकरेज हाउस ICICI सिक्योरिटीज ने Nazara पर अपनी रेटिंग घटा दी है. ब्रोकरेज ने पहले मूनशाइन को Nazara की वैल्यूएशन में ₹400 का योगदान माना था, लेकिन ताजा घटनाक्रम के बाद इसे शून्य कर दिया गया है. इसके चलते कंपनी का टारगेट प्राइस ₹1,500 से घटाकर ₹1,100 प्रति शेयर कर दिया गया है.
हालांकि, ICICI ने कहा कि Nazara के अन्य वर्टिकल्स जैसे गेमिफाइड अर्ली लर्निंग, पब्लिशिंग और गेमिंग आर्केड्स अप्रभावित हैं. साथ ही, ईस्पोर्ट्स को औपचारिक रूप से खेल के रूप में मान्यता मिलना उसकी सहायक कंपनी Nodwin Gaming के लिए लंबे समय में सकारात्मक साबित हो सकता है.
Source: CNBC