S&P ने अब SBI, HDFC Bank समेत 10 वित्तीय संस्थानों की रेटिंग्स को अपग्रेड किया- फोकस में शेयर

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने शुक्रवार को टॉप 10 वित्तीय संस्थानों की रेटिंग्स को अपग्रेड किया है. इनमें एसबीआई (SBI), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और टाटा कैपिटल (Tata Capital) शामिल हैं. इससे एक दिन पहले अमेरिका स्थित एजेंसी ने भारत की लॉन्ग-टर्म सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को बढ़ाया था. एसएंडपी ने कहा “भारत के वित्तीय संस्थान देश की मजबूत आर्थिक विकास गति का लाभ उठाते रहेंगे. एसएंडपी ने कहा कि इन संस्थानों को अपने डोमेस्टिक फोकस और सिस्टम में स्ट्रक्चरल सुधारों जैसे बैड लोन की वसूली से फायदा मिलेगा.”

एसएंडपी ने सात भारतीय बैंकों ICICI Bank, HDFC Bank, Axis Bank Ltd, Kotak Mahindra Bank, Union Bank of India, and Indian Bank और तीन फाइनेंशियल कंपनियों Bajaj Finance, Tata Capital, and L&T Finance की लॉन्ग टर्म इश्यूअर क्रेडिट रेटिंग्स को बढ़ा दिया है.
क्या बताए कारण

एसएंडपी ने कहा “हमें उम्मीद है कि भारत के बैंक अगले 12-24 महीनों में पर्याप्त एसेट क्वालिटी, अच्छी प्रॉफिटेबिलिटी और बेहतर कैपिटलाइजेशन बनाए रखेंगे, हालांकि कुछ क्षेत्रों में स्ट्रेस रहेगा.” एजेंसी ने यह भी कहा कि सिस्टम में क्रेडिट रिस्क कम हो गया है.

गुरुवार को एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ONGC), पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, एनटीपीसी लिमिटेड और टाटा पावर कंपनी लिमिटेड की क्रेडिट रेटिंग्स को ‘BBB-‘ से बढ़ाकर ‘BBB’ कर दिया. इनकी आउटलुक स्टेबल रखी गई है.
भारत की क्रेडिट रेटिंग को 18 साल बाद अपग्रेड किया
एसएंडपी ने गुरुवार को भारत की क्रेडिट रेटिंग को 18 साल से अधिक समय बाद ‘BBB’ पर अपग्रेड किया था. एजेंसी को उम्मीद है कि भारत की मजबूत आर्थिक नींव अगले 2-3 सालों में विकास गति को बनाए रखेगी. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने इस अपग्रेड के पीछे आर्थिक लचीलापन (Economic Resilience) और लगातार जारी राजकोषीय सुधार (Sustained Fiscal Consolidation) को कारण बताया है.
एसएंडपी ने कहा कि स्टेबल आउलुक इस उम्मीद को दर्शाता है कि भारत की पॉलिसी स्टेबिलटी और हाई इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट लंबे समय तक विकास की संभावनाओं को मजबूत करेंगे. लॉन्ग टर्म सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को ‘BBB’ करने के अलावा भारत की शॉर्ट टर्म रेटिंग को भी ‘A-3’ से बढ़ाकर ‘A-2’ कर दिया गया है, जबकि लॉन्गटर्म रेटिंग पर आउटकुल स्टेबल ही रखा गया है.
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Source: CNBC