Sona Comstar Promoters: विवाद के बीच संजय कपूर की मां रानी कपूर की इमोशनल अपील, कानूनी कार्रवाई का संकेत

Sona Comstar Promoters: सोना कॉमस्टार को लेकर प्रमोटर्स के बीच विवाद गरमाता दिख रहा है. कंपनी से जुड़ी एक अहम भूमिका निभाने वाली रानी कपूर ने हाल ही में अपनी भावनाएं साझा की हैं. उन्होंने कहा, “मैं अब बुजुर्ग और कमजोर हो सकती हूं, लेकिन मेरी याददाश्त मजबूत है कि जब Sona (Sona कॉमस्टार) की स्थापना हुई थी, तब मैं अपने पति के साथ थी.

मुझे याद है कि Sona को बहुत देखभाल, त्याग और प्यार के साथ बनाया गया था. हमारे परिवार की विरासत नहीं खोनी चाहिए. इसे वैसा ही बनाए रखना चाहिए जैसा मेरे पति हमेशा चाहते थे.”
इसके साथ ही रानी कपूर ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे 2019 के बाद से कंपनी में सीधे या परोक्ष रूप से कोई भूमिका नहीं निभा रही हैं. उन्होंने कहा, “मैं अब आगे कोई टिप्पणी नहीं करूंगी. मेरी कानूनी टीम आवश्यक सभी बातें स्पष्ट कर देगी.”

यह बयान ऐसे समय में आया है जब Sona कॉमस्टार के प्रमोटर समूह में पारिवारिक और प्रबंधन से जुड़ी परेशानियां बढ़ती नजर आ रही हैं. कानूनी पक्ष से इसे सुलझाने की तैयारी जारी है, और आगे की राह को लेकर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. इस मामले में अधिक जानकारी और विकास के लिए नजर बनाए रखें.

क्या है विवाद?
विवाद दरअसल रानी कपूर के जरिए लिखे गए एक पत्र के बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने कुछ व्यक्तियों पर दबाव डालने और अपने बेटे संजय कपूर , जो कंपनी के तत्कालीन अध्यक्ष और गैर-कार्यकारी निदेशक थे. उन्होंने पत्र में लिखा कि संजय कपूर के आकस्मिक निधन के बाद परिवार की विरासत पर कंट्रोल हड़पने का प्रयास करने का आरोप लगाया था. संजय कपूर की 12 जून को ब्रिटेन में पोलो खेलते समय मृत्यु हो गई थी.
जवाब में, सोना कॉमस्टार ने स्पष्ट किया कि ” रानी कपूर कम से कम 2019 से कंपनी की शेयरधारक नहीं रही हैं,” और इसलिए वार्षिक आम बैठक (एजीएम) को स्थगित करने के उनके अनुरोध का कोई कानूनी आधार नहीं था.
कंपनी ने यह भी कहा कि संजय कपूर के निधन के बाद उनसे कोई साइन डॉक्यूमेंट्स हासिल नहीं किए गए. 25 जुलाई को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, “कानूनी परामर्श और इस तथ्य के आधार पर कि कपूर कंपनी की शेयरधारक नहीं हैं. कंपनी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि वह वार्षिक आम बैठक (एजीएम) को कैंसल नहीं कर सकती हैं.”
कंपनी, जो 71.98% सार्वजनिक रूप से मालिकान वाली है और 28.02% कॉर्पोरेट प्रमोटर ऑरियस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व में है, ने यह भी स्पष्ट किया कि संजय कपूर की पत्नी प्रिया सचदेव कपूर को ऑरियस इन्वेस्टमेंट्स के नॉमिनेशन के आधार पर अतिरिक्त गैर-कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया था, और उनकी नियुक्ति की नॉमिनेशन एवं पारिश्रमिक समिति द्वारा जांच की गई थी.
रानी कपूर ने अपने पत्र में दावा किया था कि वह अपने पति सुरिंदर कपूर की वसीयत के तहत सोना समूह की बहुलांश शेयरधारक थीं और उन्होंने किसी भी व्यक्ति को कंपनी में अपनी ओर से कार्य करने के लिए ऑथराइज्ड नहीं किया था. उन्होंने कुछ लोगों पर परिवार के दुख की घड़ी का फायदा उठाकर “नियंत्रण हथियाने और पारिवारिक विरासत हड़पने” का आरोप भी लगाया.

Source: CNBC