₹6,000 करोड़ तक जुटाने की योजना:
कंपनी Qualified Institutional Placement (QIP), Follow-on Public Offer (FPO) या अन्य माध्यमों से इक्विटी शेयर या इक्विटी लिंक्ड इंस्ट्रूमेंट्स के जरिए यह राशि जुटाएगी.
₹3,000 करोड़ के डिबेंचर जारी करने का प्रस्ताव
रिलायंस इंफ्रा ने सिक्योर्ड/अनसिक्योर्ड, रिडीमेबल, नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर प्राइवेट प्लेसमेंट या अन्य माध्यम से जारी करने का प्रस्ताव भी पास किया है.
शेयरधारकों की मंजूरी जरूरी
इन दोनों फंडरेजिंग प्रस्तावों को लागू करने से पहले कंपनी को अपने शेयरधारकों से जरूरी मंजूरी लेनी होगी.
लॉन्च की टाइमिंग बाद में तय होगी
इन फंडरेजिंग इंस्ट्रूमेंट्स की शर्तें और लॉन्च की तारीखें बाद में बोर्ड द्वारा तय की जाएंगी, जब शेयरधारकों की मंजूरी मिल जाएगी.
आपको बता दें कि बीते हफ्ते यानी 11 जुलाई को कंपनी ने एक्सचेंज पर बताया था कि क्रेडिट रेटिंग में जबरदस्त उछाल आया और कंपनी डिफॉल्ट की छवि से बाहर निकल गई है. रेटिंग एजेंसी India Ratings and Research ने कंपनी की क्रेडिट रेटिंग को तीन पायदान बढ़ाकर ‘IND D’ से ‘IND B/Stable’ कर दिया है.
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Source: CNBC