हैदराबाद के सहायक आयकर आयुक्त ने 4 अप्रैल को एक नोटिस जारी किया था और 30 मई को एक आदेश पारित किया, जिसमें दावा किया गया कि Dr Reddys Holding के साथ विलय को टैक्स फाइलिंग में नहीं दिखाया गया, जिसे कर चोरी माना गया. इसके जवाब में, Dr Reddys Labs ने तेलंगाना हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर टैक्स री-एसेसमेंट आदेश को रद्द करने की मांग की, जिसमें कहा गया कि कोई कर चोरी नहीं हुई.
विलय की मंजूरी
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT), हैदराबाद ने 5 अप्रैल 2022 को विलय योजना को मंजूरी दी थी, जिसकी नियुक्त तारीख 1 अप्रैल 2019 थी. इसके तहत Dr Reddy’s Holding का Dr. Reddy’s Laboratories में विलय हो गया. हालांकि, इनकम टैक्स विभाग ने विलय से टैक्स चोरी का आरोप लगाते हुए 2,395 करोड़ रुपये की मांग की है.
क्या है कंपनी का दावा ?
Dr Reddy’s Labs ने कहा कि विलय पूरी तरह से कानूनी और कर नियमों के अनुरूप था. कंपनी को उम्मीद है कि इससे कोई बड़ा वित्तीय प्रभाव नहीं पड़ेगा. विलय समझौते में एक क्षतिपूर्ति खंड भी है, जिसके तहत विलय से उत्पन्न होने वाली किसी भी देनदारी के लिए प्रमोटर जिम्मेदार होंगे.
Dr Reddy’s Labs : शेयर प्रदर्शन
मंगलवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर Dr. Reddy’s Lab के शेयर 1.78% की गिरावट के साथ 1,261.10 रुपये पर बंद हुए. करीब 1.05 लाख करोड़ रुपये के मार्केट कैपिटलाइजेशन वाले इस शेयर का 52-हफ्ते का ऊपरी स्तर 1,414.99 रुपये और निचला स्तर 1,020 रुपये है. बीते 6 महीने के दौरान यह स्टॉक 12% की तेजी दिखा चुका है. बीते एक साल के दौरान यह करीब 10% तक फिसला है.
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Source: CNBC