सरकार ने कॉटन इंपोर्ट पर 11 फीसदी ड्यूटी से छूट को बढ़ाकर अब 31 दिसंबर तक कर दिया है. पहले यह छूट केवल सितंबर अंत तक के लिए थी. कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री (CITI) ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए इसे पूरे टेक्सटाइल वैल्यू चेन और इंडस्ट्री के लिए बड़ा वरदान बताया है.
179 अरब डॉलर टेक्सटाइल और अपैरल सेक्टर
भारत का टेक्सटाइल और अपैरल (T&A) सेक्टर मार्च 2025 के अंत तक 179 अरब डॉलर का आंका गया है. इसमें से 37 अरब डॉलर का हिस्सा एक्सपोर्ट से आता है. भारत के पास कॉटन की सबसे बड़ी खेती योग्य भूमि है, लेकिन टेक्सटाइल मिलें अक्सर ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीकी देशों से इंपोर्ट करती हैं क्योंकि वहां की कीमतें सस्ती होती हैं.
इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती से इंडस्ट्री को बड़ी राहत मिलेगी लेकिन यह राहत अमेरिका के हाई टैरिफ के पूरे असर को संतुलित करने के लिए पर्याप्त नहीं मानी जा रही है. भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा टेक्सटाइल और अपैरल एक्सपोर्टर है. भारत के 28 फीसदी टेक्सटाइल एक्सपोर्ट अमेरिका को जाते हैं. अब अमेरिकी टैरिफ के कारण भारत की तुलना में बांग्लादेश, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देशों को 30 फीसदी तक की बढ़त मिल रही है.
शेयर का प्रदर्शन
खबर लिखे जाने तक वर्धमान टैक्सटाइल का शेयर 10.22 फीसदी की तेजी के साथ 438.80 रुपये पर कारोबार कर रहा था. हालांकि पिछले एक साल में कंपनी के शेयर में 14.09 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है.
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Source: CNBC