Share Market Fall: भारतीय शेयर बाजारों में आज 14 जुलाई को तेज गिरावट देखने को मिली। आईटी शेयरों में भारी बिकवाली और ग्लोबल ट्रेड से जुड़ी अनिश्चितता ने बाजार के सेंटीमेंट को कमजोर बनाए रखा। दोपहर 12 बजे के करीब, सेंसेक्स 407.97 अंक या 0.49% गिरकर 82,092.50 पर कारोबार कर रहा था। वहीं निफ्टी 114.50 अंक या 0.46% फिसलकर 25,035.35 पर ट्रेड कर रहा था। यह लगातार तीसरा दिन है, जब दोनों इंडेक्स लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। निफ्टी पर विप्रो, जियो फाइनेंशियल सर्विसेज, टेक महिंद्रा, इंफोसिस और HCL टेक्नोलॉजीज जैसे दिग्गज शेयरों में 3% तक की गिरावट देखने को मिली।
शेयर बाजार में आज की इस गिरावट के पीछे 7 बड़े कारण रहे-
1. आईटी शेयरों पर दबाव
आईटी शेयरों में आज सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली। निफ्टी आईटी इंडेक्स में कारोबार के दौान 1% से अधिक टूटकर सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाला सेक्टरोल इंडेक्स बन गया। यह गिरावट TCS के कमजोर तिमाही नतीजों और फ्यूचर ग्रोथ को लेकर सतर्कता के बाद आई है। विप्रो, इंफोसिस, HCL टेक्नोलॉजीज, टेक महिंद्रा और LTIMindtree जैसे बड़े आईटी शेयरों में 1% से 2% तक की गिरावट देखी गई।
2. विदेशी निवेशकों की बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIS) लगातार भारतीय शेयर बाजारों से पैसे निकाल रहे हैं। शुक्रवार 11 जुलाई को विदेशी निवेशकों ने करीब 5,104.22 करोड़ रुपये की बिकवाली की, जिससे बाजार पर और दबाव बढ़ा। आईटी और फाइनेंशियल सेक्टर में बिकवाली का प्रमुख कारण विदेशी निवेशकों के इसी रुख को माना जा रहा है।
3. अमेरिका के महंगाई आंकड़े आने से पहले सतर्कता
निवेशक अमेरिका के जून महीने के CPI डेटा आने से पहले भी सतर्क बने हुए हैं। यह आंकड़ा 15 जुलाई को आएगा। अगर महंगाई उम्मीद से ज्यादा निकलती है, तो अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की संभावना टल सकती है। इससे डॉलर मजबूत होगा और भारतीय रुपये सहित दूसरे उभरते देशों की करेंसी दबाव में आ सकती हैं।
4. ग्लोबल ट्रेड से जुड़ी अनिश्चितता
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय यूनियन और मैक्सिको से इंपोर्ट पर 1 अगस्त से 30 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जिसके चलते व्यापारिक तनाव बढ़ गया है। भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता ने भी निवेशकों को सतर्क बनाए रखा है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, वीके विजयकुमार ने कहा, “अगर भारत के लिए लगभग 20 प्रतिशत टैरिफ दर वाला कोई समझौता होता है, तो इससे बाजार के सेंटीमेंट को मजबूती मिल सकती है। हालांकि, इस पर मोर्चे कोई भी निराशा बाजार को और नीचे खींच सकती है।”
5. ग्लोबल मार्केट्स से कमजोर संकेत
ग्लोबल बाजारों में भी सोमवार को कमजोरी के संकेत दिखे। भारतीय शेयर बाजार खुलने से पहले, सुबह में जापान का निक्केई 225 इंडेक्स लाल निशान में कारोबार कर रहा था। वहीं अमेरिकी शेयर बाजार शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे। ग्लोबल ट्रेड से जुड़ी चिंताओं के चलते वॉल स्ट्रीट फ्यूचर्स में भी 1 प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिली।
6. क्रूड ऑयल के दाम में उछाल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड का भाव 0.17 प्रतिशत बढ़कर 70.48 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। तेल की ऊंची कीमतें आम तौर पर भारत के इंपोर्ट बिल और महंगाई के मोर्चे पर दबाव डालती हैं। इससे बाजार का सेंटीमेंट प्रभावित होता है।
7. भारतीय रुपये में कमजोरी
भारतीय रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 17 पैसे कमजोर होकर 85.97 पर आ गया। डॉलर में मजबूती और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की लगातार निकासी के कारण यह गिरावट आई।
एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केट स्ट्रैटजिस्ट आनंद जेम्स ने बताया, “शुक्रवार की गिरावट के बाद, निफ्टी 50 के अब केवल 24 प्रतिशत शेयर ही अपने 10-दिनों के सिंपल मूविंग एवरेज (SMA) से ऊपर ट्रेड कर रहे हैं, जो जून की शुरुआत के बाद सबसे कम है। इसके अलावा, Parabolic SAR भी जून के बाद पहली बार निगेटिव हुआ है।” उन्होंने बताया कि निफ्टी 50 और निफ्टी 500 दोनों ते 46% स्टॉक्स अब 200-दिनों के SMA से नीचे हैं।
उन्होंने कहा, “निफ्टी के लिए अगला सपोर्ट लेवल 24,920 के आसपास है, जो कि 50-दिनों के SMA के करीब है। अगर इंडेक्स 25,230 के ऊपर जाता है, तो एक इंट्राडे रिवर्सल की संभावना बन सकती है, जो इसे 25,420 तक ले जा सकता है।”
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Source: MoneyControl