कारोबारी साल 2025 के दौरान निपटाए गए 703 मामलों में से 284 में रेगुलेटर ने उचित सेटलमेंट ऑर्डर जारी किए हैं. जबकि, 272 ऐसे आवेदनों को वापस भेज दिया गया है या खारिज कर दिया गया है. इनमें से कुछ आवेदनों को आवेदकों ने खुद ही वापस भी लिया है. सेबी 2024-25 सालाना रिपोर्ट से इसकी जानकारी मिलती है.
क्या है सेबी का सेटलमेंट सिस्टम?
सेटलमेंट सिस्टम के तहत अलग-अलग ईकाईयां कैपिटल मार्केट से जुड़ी समस्यों को सेबी के जरिए हल करती है. इसके लिए कोई लंबी कानूनी प्रक्रिया नहीं होती है. उन्हें इसके लिए सेटलमेंट फीस चुकानी होती है और कुछ शर्तों को पूरा करना होता है.
सेटलमेंट से सेबी को कितनी रकम मिली?
निपटाए गए 284 मामलों के जरिए सेबी ने 798.87 करोड़ रुपये सेटलमेंट चार्ज के तौर पर जुटाए. इसके अलावा डिस्गॉर्जमेंट चार्ज के तौर पर सेबी ने 64.84 करोड़ रुपये जुटाए हैं.
ये सेटलमेंट ऑर्डर नियमों के उल्लंघन, इनसाइडर ट्रेडिंग, फ्रॉड से जुड़ी गतिविधियां, ऑल्टरनेट इन्वेस्टमेंट फंड्स (AIFs), म्यूचुअल फंड्स और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) से जुड़े नियमों के उल्लंघन की वजह से जारी किए गए थे.
सेटलमेंट मामलों के अलावा सेबी ने की अपील को भी सुना. 533 नए अपील सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्युनल (SAT) के पास दायर किए गए थे. इसके पहले कारोबारी साल में यह आंकड़ा 821 पर था.
दायर किए गए नए अपील में से 422 का निपटान कर दिया गया है. इसमें 308 अपील खारिज किए गए, 23 अपील को मंजूरी मिली और 42 अपील को कुछ बदलाव के साथ बरकरार रखा गया. 21 अपील को रिमांड किया गया और 28 अपील वापस लिए गए. निपटान किए गए ज्यादातर अपील में से Prohibition of Fraudulent and Unfair Trade Practices (PFUTP) Regulations, 2003. का उल्लंघन था.
इस दौरान कारोबारी साल 2025 के लिए “difficult-to-recover” (DTR) बकाया बढ़कर ₹77,800 करोड़ पर पहुंच गया. मार्च 2024 तक यह ₹76,293 करोड़ पर था. ये वो बकाया है जो सभी तरह कि रिकवरी कोशिशों के बाद भी चुकाए नहीं गए हैं. सेबी ने साफ किया कि इस तरह के DTR बकाये को अलग रखना पूरी तरह से एक प्रशासनिक कदम है और रिकवरी अधिकारी भविष्य में कार्रवाई भी कर सकते हैं.
Source: CNBC