सेबी ने एनएसईएल ब्रोकर्स सेटलमेंट केस में सेटलमेंट स्कीम के लिए 9 जुलाई को एक पब्लिक नोटिस जारी किया। इसमें कहा गया है कि यह स्कीम उन ब्रोकर्स के लिए है, जिनके खिलाफ एनएसईएल प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग या ट्रेडिंग की सुविधा देने के लिए उसने ऑर्डर्स पारित किए थे। साथ ही यह उन ब्रोकर्स के लिए भी है, जिन्होंने सेबी के ऑर्डर्स के खिलाफ अपील फाइल की थी, जो सिक्योरिटीज एपेलेट ट्राइब्यूनल या कोर्ट्स में लंबित हैं।
सिर्फ सिक्योरिटीज लॉज के उल्लंघन वाले मामलों का निपटारा
SEBI ने स्पष्ट किया है कि इस सेटलमेंट स्कीम के तहत सिर्फ उन मामलों का निपटारा होगा, जिनमें सिक्योरिटीज लॉज का उल्लंघन शामिल है। इसका असर उन मामलों पर नहीं पड़ेगा, जिनकी जांच दूसरी सरकारी एजेंसिया अपने अधिकारक्षेत्र के तहत कर रही हैं। यह भी कि यह स्कीम उन ब्रोकर्स के लिए नहीं है, जिनके नाम इकोनॉमिक ऑफेंसेज विंग (EoW), ED, SFIO या किसी दूसरी जांच एजेंसी की तरफ से एनएसईएल केस में फाइल की गई चार्जशीट में शामिल हैं।
भविष्य में चार्जशीट फाइल होने पर निपटारा अप्रभावी हो जाएगा
सेबी की यह सेटलमेंट स्कीम उन ब्रोकर्स के लिए भी नहीं है, जो अप्लिकेश फाइलिंग की तारीख में स्टॉक एक्सचेंजों के डिफॉल्टर्स हैं। मार्केट रेगुलेटर ने पब्लिक नोटिस में यह भी स्पष्ट किया है कि अगर इस स्कीम के तहत किसी ब्रोकर के मामले का निपटारा होता है और बाद उसके खिलाफ कोई चार्जशीट फाइल की जाती है तो यह निपटारा उस ब्रोकर के लिए अप्रभावी हो जाएगा।
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क्या है NSEL फ्रॉड का पूरा मामला?
NSEL सेटलमेंट स्कीम इस साल 25 अगस्त को ओपन होगी। यह 25 फरवरी, 2026 को बंद हो जाएगी। सेबी इस स्कीम के बारे में जल्द फ्रीक्वेंटली आस्क्ड क्वेश्चंस (FAQ) इश्यू करेगा। NSEL स्कैम 2013 में हुआ था। यह इंडिया के बड़े फाइनेंशियल फ्रॉड्स में से एक है। इसमें एसईएल उन इनवेस्टर्स को पैसा लौटान में नाकाम रहा था, जिन्होंने एक्सचेंज के कमोडिटी पेयर कॉन्ट्रैक्ट्स में इनवेस्ट किए थे। इस फ्रॉड में कई ब्रोकर्स शामिल पाए गए थे। उन्होंने एनएसईएल के प्रोडक्ट्स को गलत तरीके से बेचा था। इस फ्रॉड में कई इनवेस्टर्स को नुकसान उठाना पड़ा था।
Source: MoneyControl