सेबी चीफ ने बताया कि सेबी इंडस्ट्री को प्रोत्साहित करने के लिए कई उपाय कर रहा है. ऐसा ही एक हालिया प्रस्ताव बी30 शहरों (टियर 2 और टियर 3 शहरों) में डिस्ट्रीब्यूटर्स को प्रोत्साहित करना है. इस कदम से न केवल नए निवेशक जुड़ेंगे, बल्कि म्यूचुअल फंड की पहुंच भी कम निवेश वाले क्षेत्रों तक भी बढ़ेगी, जिससे इंडस्ट्री को फायदा मिलेगा.
म्यूचुअल फंड स्कीम्स को रिव्यु कर रहा सेबी
पांडे ने बताया कि प्रोडक्ट इनोवेशन के लिए ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी उपलब्ध कराने, क्लैरिटी में सुधार लाने और स्कीम्स के पोर्टफोलियो में ओवरलैप की समस्या का समाधान करने के लिए सेबी म्यूचुअल फंड स्कीम्स की केटेगरीज को रिव्यु कर रहा है. उन्होंने कहा कि कंसल्टेशन प्रोसेस से प्राप्त फीडबैक के आधार पर अगले कदम उठाए जाएंगे. सेबी अध्यक्ष ने कहा कि इन उपायों से इंडस्ट्री को ज्यादा पारदर्शी और इन्वेस्टर-फ्रेंडली बनने में मदद मिलेगी.
AMCs को दी राहत
हाल ही में सेबी ने कारोबार में आसानी (ease of doing business) और कंप्लायंस सिम्प्लिफिकेशन उपायों के तहत म्यूचुअल फंड्स की ओर से सबमिट रिपोर्ट्स और फाइलिंग को रिव्यु किया. इसके आधार पर रेग्युलेटर ने एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) की ओर से 52 से ज्यादा रिपोर्ट, नोटिस और अडडेन्डुमस फाइल करने की जरूरत को समाप्त करने का निर्णय लिया है.
अगले कुछ महीनों में मार्केट रेग्युलेटर म्यूचुअल फंड नियमों को आसान बनाने की दिशा में भी काम करेगा. पांडे ने कहा कि इसका मकसद निवेशकों के हितों की रक्षा करते हुए इंडस्ट्री के लिए पालन को आसान बनाना है.
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Source: CNBC