7 पॉइंट में पूरे मामले को समझते है….
Regulation 24(b) में संशोधन का प्रस्ताव
SEBI ने Mutual Fund Regulations, 1996 के नियम 24(b) में बदलाव का प्रस्ताव दिया है, जो फिलहाल AMCs को केवल ब्रॉड-बेस्ड फंड्स मैनेज करने की अनुमति देता है.
ब्रॉड-बेस्ड बनाम नॉन-ब्रॉड-बेस्ड क्लाइंट
ब्रॉड-बेस्ड फंड्स वे होते हैं जिनमें लाखों रिटेल इनवेस्टर होते हैं, जबकि नॉन-ब्रॉड-बेस्ड क्लाइंट्स की संख्या 20 से कम होती है या एक ही इनवेस्टर का हिस्सा 25% से ज्यादा होता है.
अभी PMS लाइसेंस जरूरी
अगर कोई AMC नॉन-ब्रॉड-बेस्ड फंड्स को सेवा देना चाहती है, तो उसे अलग से पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (PMS) लाइसेंस लेना पड़ता है.
AMFI ने उठाई थी मांग
म्यूचुअल फंड उद्योग की संस्था AMFI ने SEBI से 24(b) नियम की समीक्षा करने को कहा था, क्योंकि इससे उद्योग के विस्तार में बाधा आ रही थी और प्रतिस्पर्धात्मक असमानता भी पैदा हो रही थी.
संभावित टकरावों को लेकर सतर्कता
SEBI ने माना है कि एक ही AMC का दोनों तरह की सेवाएं देना कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट (हितों का टकराव) पैदा कर सकता है, इसलिए सावधानी जरूरी है.
SEBI ने बताए सेफ्टी मेकैनिज्म
हितों के टकराव से बचने के लिए SEBI ने कई सुरक्षा उपाय सुझाए हैं, जैसे—फीस की सीमा तय करना, परफॉर्मेंस लिंक्ड फीस पर रोक, फंड मैनेजर्स की अलग टीम, डेटा गोपनीयता बनाए रखना आदि.
MF और अन्य फंड्स के बीच सख्त दीवार
SEBI ने स्पष्ट किया है कि म्यूचुअल फंड्स और नॉन-ब्रॉड-बेस्ड फंड्स के बीच सिक्योरिटीज का ट्रांसफर नहीं किया जा सकेगा, और इनसाइडर ट्रेडिंग से जुड़ी सभी पाबंदियों को पूरी तरह लागू किया जाएगा.
Source: CNBC