RBL Bank Share: 3 महीने में करोड़ों के शेयर खरीदे-MFs की हिस्सेदारी 15.27% से बढ़कर 29.2% हुई

जून 2025 तिमाही के शेयरहोल्डिंग डेटा में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं. खास बात यह है कि म्यूचुअल फंड्स (MFs) ने बैंक में जबरदस्त तरीके से हिस्सेदारी बढ़ाई है. दूसरी ओर, British International Investment जैसी बड़ी विदेशी निवेशक कंपनी ने बैंक से पूरी तरह एग्जिट कर लिया है. ये बात हो रही है RBL Bank के शेयर को लेकर. शेयर में जोरदार तेजी आई है. एक महीने में शेयर 24 फीसदी बढ़ा है. 3 महीने में शेयर 50 फीसदी बढ़ा है. एक साल का रिटर्न सिर्फ 10 फीसदी है.

जून 2025 शेयरहोल्डिंग डेटा
Mutual Funds की हिस्सेदारी दोगुनी-मार्च 2025 में MFs की हिस्सेदारी 15.27% थी, जो जून 2025 में बढ़कर 29.2% हो गई है.मतलब, MFs ने 13.93% हिस्सेदारी बढ़ाई, जो एक बड़ा ट्रस्ट इंडिकेट करता है.Quant MF और Nippon Life MF ने पहले से बड़ी हिस्सेदारी बना रखी थी, लेकिन अब अन्य बड़े नाम भी जुड़ चुके हैं.

FPI यानी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भी भरोसा दिखाया-मार्च में एफपीआई की हिस्सेदारी 14.4% थी, जो जून में बढ़कर 17.6% हो गई.
बीमा कंपनियों ने स्थिति लगभग बरकरार रखी-मार्च में हिस्सेदारी 3.2%, जो जून में बढ़कर 3.3% हुई — यानी मामूली बढ़त.

Foreign Companies ने हिस्सेदारी घटाई-मार्च में 7.4%, अब घटकर 3.5%.
British International Investment ने पूरी हिस्सेदारी बेची-मार्च 2025 में इनके पास 3.8% शेयर थे, जून 2025 में पूरी तरह एग्जिट कर चुके हैं.
इसका मतलब निवेशकों के लिए क्या है-MFs की भागीदारी का बढ़ना – संकेत है कि बैंक में मिड-टू-लॉन्ग टर्म ग्रोथ की उम्मीद मजबूत है.FPI की हिस्सेदारी में बढ़त – ग्लोबल निवेशकों को बैंक की वैल्यूएशन और एसेट क्वालिटी पर भरोसा.
Foreign Strategic Investors का एग्जिट – British International का बाहर निकलना शॉर्ट-टर्म निगेटिव हो सकता है, लेकिन MFs की एंट्री इस असर को बैलेंस कर सकती है.

Mutual Fund जून 2025 हिस्सेदारी मार्च 2025
SBI MF 3.3%
Tata MF 2.1%
HDFC MF 1.6%
Aditya Birla MF 1.3%
ICICI Prudential MF 1.2%
Mirae Asset MF 1.1%
Nippon Life MF 4.3% 3.1%
Quant MF 6.6% 6.6%

RBL Bank अब म्यूचुअल फंड्स की फेवरेट बनता जा रहा है. जिन निवेशकों के पास पहले से यह शेयर है, वे इसे होल्ड कर सकते हैं. नए निवेशक भी डिप में एंट्री लेने की स्ट्रैटेजी बना सकते हैं, लेकिन आगे की चाल बैंक के तिमाही नतीजों, एसेट क्वालिटी और कर्ज ग्रोथ पर निर्भर करेगी.
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Source: CNBC