RBI के इस कदम से DLF के निवेशकों का हौसला बुलंद; आज दबाकर की खरीदारी; शेयर 6% बढ़ा, जानिए मामला

नई दिल्ली: देश में ब्याज दर क्या हो? इस पर दो दिनों की मीटिंग के बाद आखिरकार शुक्रवार को आरबीआई ने फैसला ले लिया है। जिसके मुताबिक आरबीआई ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती करने का निर्णय लिया है। इस प्रकार देश में नया रेपो रेट 5.5% है। पुराना रेपो रेट 6% पर था। रेपो रेट में कटौती के बाद शुक्रवार के दिन शेयर बाजार में रियल एस्टेट सेक्टर के स्टॉक में जोरदार तेजी देखने को मिली है। इन्हीं में डीएलएफ शेयर में शामिल था। जिसमें 6% की तेजी देखने को मिली है। जिस वजह से डीएलएफ का भाव 884 रुपए तक पहुंच गया। गुरुवार के दिन शेयर 825 पर बंद हुआ था। इसके अलावा आज गोदरेज प्रॉपर्टीज, ओबेरॉय रियलिटी, प्रेस्टीज एस्टेटस जैसे स्टॉक्स में 5–6% की तेजी देखी गई है। अब आप सोच रहे होंगे आरबीआई के रेपो रेट में कटौती और रियल एस्टेट कंपनियों में क्या संबंध है? आरबीआई ने रेट कट की घोषणा की और इधर रियल एस्टेट स्टॉक भागने लगे? आइए समझते हैं सारा गुणा–गणित।

डीएलएफ शेयर दे रहा है लगातार रिटर्न

आगे बढ़े उससे पहले बता दे कि DLF Ltd कंपनी के शेयर ने पिछले एक सप्ताह में 10% रिटर्न, पिछले 1 महीने में 30% रिटर्न पिछले 3 महीने में 32% रिटर्न दिया है। हाल में ही डीएलएफ ने FY25 Q4 रिजल्ट पेश किया था। जिसमें कंपनी का नेट प्रॉफिट 39% की सालाना दर से बढ़कर के 1282 करोड़ रुपए पर पहुंच गया था। वहीं कंपनी का रेवेन्यू सालाना आधार पर 46% से जंप करके 3128 करोड़ रुपए हो गया है। जिसके बाद से निवेशकों का ध्यान डीएलएफ शेयर पर बढ़ा है। जिसकी पुष्टि पिछले 1 महीने की रिटर्न भी कर रहे हैं।

ब्याज दर और रियल एस्टेट कंपनियों का संबंध

दरअसल होता यह है कि जब आरबीआई अपने रेट कट कटौती करती है तो बैंक जाकर के कम दरों पर पैसा या लोन लेना सहज हो जाता हैं क्योंकि इस लोन पर आपको कम ब्याज भरना पड़ेगा। इस कंडीशन का फायदा रियल एस्टेट कंपनियां भी उठती हैं और वह बैंक से सस्ते में पैसे उठाकर के कई बड़े प्रोजेक्ट में पैसे लगाती हैं। लोन सस्ता होने की वजह से कंपनी को प्रॉफिट मार्जिन भी अच्छा मिलता है। इसलिए इस टाइम रियल एस्टेट कंपनियां बड़े प्रोजेक्ट में पैसा डालने के लिए तैयार रहती हैं।
इसके अलावा ब्याज दर सस्ता होने पर होम लोन की किस्त जिसे हम EMI भी कहते है वो भी सस्ती हो जाती हैं। इस प्रकार आम लोगों के लिए घर खरीदना थोड़ा सस्ता हो जाता है। जिस वजह से इस टाइम पर होम लोन लेकर के घर खरीदते हैं। जिस वजह से घरों की डिमांड बढ़ने लगती है जो रियल एस्टेट कंपनियों के लिए एक गोल्डन चांस होता है।
ब्याज दर कम होने की वजह से रियल एस्टेट सेक्टर को डायरेक्ट फायदा मिलता है। इसके अलावा रियल एस्टेट सेक्टर पर निर्भर करने वाले बाजार के दूसरे सेक्टर्स को भी फायदा मिलता है जैसे उदाहरण के तौर पर रियल एस्टेट कंपनियों को किसी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए सीमेंट, स्टील, लोहे, वायर, केबल, प्लास्टिक पाइप, स्टील पाइप आदि की जरूरत पड़ती है जिस वजह से इन सेक्टर की कंपनियों के लिए भी एक अच्छी डिमांड पैदा हो जाती है।

(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)

Source: Economic Times