RateGain Stocks: 2025 में 37 फीसदी लुढ़का है स्टॉक, क्या यह सस्ते भाव पर खरीदारी का बड़ा मौका है?

रेटगेन ट्रैवेल टेक्नोलॉजीज के लिए फाइनेंशियल ईयर 2024-25 अच्छा नही रहा। ऑर्डरबुक की ग्रोथ सुस्त ही। कुछ खास अकाउंट्स में कंपनी को प्राइस के मामले में मोलभाव करना पड़ा। कंपनी को एक ओटीए क्लाइंट भी गंवाना पड़ा। पूंजी बढ़ाने के बाद भी कंपनी विलय और अधिग्रहण नहीं कर पाई है। कंपनी को यह फाइनेंशियल ईयर (2025-26) भी सुस्त रहने की उम्मीद है। इसकी वजह यह है कि कंपनी ग्रोथ बढ़ाने के लिए बड़ा निवेश करने जा रही है।

चौथी तिमाही में रेवेन्यू ग्रोथ कमजोर

RateGain Travel Technologies ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को SaaS Solutions ऑफर करती है। यह इलेट्रॉनिक ट्रांजेक्शंस, प्राइस प्वाइंट्स और ट्रैवल डेटा का सबसे बड़ा प्रोसेसर है। इससे कंपनियों को रेवेन्यू मैनेजमेंट, डिस्ट्रिब्यूशन और मार्केटिंग में मदद मिलती है। चौथी तिमाही में कंपनी की रेवेन्यू ग्रोथ कमजोर रही। साल दर साल आधार पर यह सिर्फ 1.9 फीसदी रही। इसका असर सालाना रेवेन्यू ग्रोथ पर भी पड़ा, जो सिर्फ 12.5 फीसदी रहा।

डिजिटल मार्केट बिजनेस का अच्छा प्रदर्शन

कंपनी के रेवेन्यू में उसके डिजिटल मार्केटिंग बिजनेस का अच्छा हाथ रहा। हालांकि, पहली छमाही में कंपनी को एक क्लाइंट का नुकसान उठाना पड़ा। लेकिन, Adara के अच्छे प्रदर्शन से कंपनी को काफी मदद मिली। कंपनी ने इसका जनवरी 2023 में अधिग्रहण किया था। कंपनी का डिस्ट्रिब्यूशन बिजनेस थोड़ा कमजोर रहा। SaaS कपनियों की अर्निंग्स में उछाल देखने को मिला, जिसकी वजह ऑपरेशन के मोर्चे पर अच्छा प्रदर्शन है। कंपनी का मार्जिन लगातार अच्छा बना हुआ है।

एआई के इस्तेमाल से एंप्लॉयीज कॉस्ट घटी

चौथी तिमाही में रेवेन्यू ग्रोथ कमजोर रहने के बावजूद मार्जिन में इम्प्रूवमेंट रहा, जिसकी वजह बोनस का वापस आना है, क्योंकि वित्त वर्ष का टारगेट पूरा नहीं हो पाया। इसके अलावा चौथी तिमाही में एंप्लॉयीज की संख्या में भी कमी देखने को मिली। इसकी वजह यह है कि कंपनी AI का इस्तेमाल कर रही है। इससे अतिरिक्त एंप्लॉयीज की जरूरत नहीं रह गई है। कंपनी का मानना है कि ट्रैवल में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ेगा, जिससे कॉस्ट घटेगा।

लॉन्ग टर्म ग्रोथ पर फोकस

FY26 में प्रदर्शन कमजोर रह सकता है। हालांकि, कंपनी का फोकस लॉन्ग टर्म ग्रोथ पर बना हुआ है। कंपनी सेल्स और मार्केटिंग स्ट्रेटेजी पर भी फोकस बढ़ा रही है। बीते छह महीनों में यह स्टॉक 37 फीसदी से ज्यादा गिरा है, जो बड़ी गिरावट है। इसका मतलब है कि इस वित्त वर्ष में प्रदर्शन कमजोर रहने का अनुमान का असर शेयरों पर पहले ही पड़ चुका है। इधर, कंपनी के पास 1,267 करोड़ रुपये का कैश रिजर्व है। हालांकि, इसके बावूजद कंपनी बड़ी अधिग्रहण नहीं कर पाई है।

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क्या आपको इनवेस्ट करना चाहिए?

30 जून को कंपनी का शेयर 1 फीसदी चढ़कर 457 रुपये पर बंद हुआ। इस साल यह शेयर करीब 37 फीसदी गिरा है। अभी ग्लोबल इकोनॉमी में अनिश्चितता है, जिससे कंपनी के कारोबार पर निगेटिव असर पड़ सकता है। इसके अलावा कंपनी ने जो स्ट्रेटेजी अपनाई है, उसकी सफलता के बारे में भी पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। इसलिए ऐसे इनवेस्टर्स इस स्टॉक में निवेश कर सकते हैं, जो ज्यादा रिस्क उठा सकते हैं।

Source: MoneyControl