Paytm quarterly profit: जब बाजार में हर तरफ निराशा का माहौल था और निवेशक पेटीएम के आगे के सफर को लेकर संशय में थे, तब कंपनी ने अचानक अपने परिणामों से सभी को चौंका दिया। पेटीएम ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारी चुनौतियों के बीच भी सही रणनीति और तेज फैसलों से मुनाफा कमाकर उम्मीद जगाई जा सकती है।
दरअसल, बीते एक साल पेटीएम और उसके निवेशकों के लिए खासी चुनौती भरे रहे। जनवरी 2024 में RBI ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक (PPBL) पर सख्ती दिखाते हुए नए अकाउंट्स और वॉलेट्स में पैसा जमा करने पर रोक लगी दी थी। इसके बाद पेटीएम का मार्केट कैप दो दिन के भीतर 17,000 करोड़ रुपए से ज्यादा गिर गया, और कंपनी का नेट लॉस मार्च 2024 तिमाही में लगभग 550 करोड़ रुपए तक पहुंच गया,जो पिछली साल की समान तिमाही से तीन गुना अधिक था। कंपनी की कमाई 20% घटी और ऑपरेशनल मार्जिन पर भी भारी असर पड़ा।
पेटीएम ने नहीं मानी हार
हालांकि इसके बाद भी Paytm ने हार नहीं मानी। कंपनी ने तेजी से घाटे वाले बिजनेस से खुद को अलग किया, PPBL से इंटर-कंपनी एग्रीमेंट्स बंद किए और अपना फोकस फिर से मूल डिजिटल फाइनेंस बिजनेस (पेमेंट्स, फाइनेंसिंग, मर्चेंट सर्विसेज़) पर केंद्रित कर दिया। विजय शेखर शर्मा ने पेमेंट्स बैंक के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया, जिससे नई लीडरशिप बेहतर रूप से कंपनी को आगे बढ़ा सके।
कंपनी ने किए ये बदलाव
इन्हीं उपायों के चलते जून 2025 तिमाही में पेटीएम ने परिचालन से 1,500-1,600 करोड़ रुपए तक की आय दिखाई और ग्रोथ के प्रारंभिक संकेत मिलने लगे हैं। कंपनी ने पीपीबीएल के बजाए नए बैंकिंग साझेदारियों के साथ काम शुरू किया, खर्च पर लगाम लगाई और मर्चेंट बेस व तकनीकी प्लेटफॉर्म को और मजबूत किया। बिजनेस फोकस बढ़ने और डिजिटल पेमेंट्स में बिना बाधा के तेजी से आगे बढ़ने के चलते पेटीएम ने उम्मीद के विपरीत तगड़ा प्रॉफिट दर्ज किया। जब ज्यादातर शेयरधारक अपने पैसे को लेकर असहज थे, इंवेस्टर्स को अचानक मुनाफा देखने को मिला।
कितना मुनाफा हुआ?
पेटीएम ने सबको चौंकाते हुए जून 2025 तिमाही (Q1 FY26) में ₹123 करोड़ (122.5 करोड़ रुपए) का शुद्ध मुनाफा (Net Profit / PAT) दर्ज किया है। ये कंपनी के इतिहास में पहली बार है जब तिमाही आधार पर मजबूत नेट प्रॉफिट सामने आया है—जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में पेटीएम को ₹839 करोड़ का बड़ा घाटा हुआ था। इस तिमाही में पेटीएम की ऑपरेटिंग रेवेन्यू भी 28% बढ़कर ₹1,918 करोड़ तक पहुंच गई।
विशेषज्ञों के मुताबिक, कंपनी ने अपने बिजनेस मॉडल को नई दिशा देकर साफ कर दिया है कि बेहतर रणनीति और तेज फैसलों के दम पर चुनौतियों से निकला जा सकता है। अब पेटीएम अपना पूरा जोर पेमेंट्स और फाइनेंशियल सर्विसेज पर लगा रही है, साथ ही बड़े नुकसान वाले बिजनेस सेक्शन खुद ही छोड़ दिए हैं।
Source: Mint