Ola Electric Mobility Q1 Results: ओला इलेक्ट्रिक का शुद्ध घाटा मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2026) में बढ़कर करीब 428 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी का शुद्ध घाटा 347 करोड़ रुपये था। कंपनी ने सोमवार 14 जुलाई को जून तिमाही के नतीजे जारी करते हुए ये जानकारी दी। कंपनी ने बताया कि जून तिमाही के दौरान उसके रेवेन्यू भी सालाना आधार पर 49.6 फीसदी घटकर 828 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल इसी तिमाही में 1,644 करोड़ रुपये रहा था।
हालांकि कंपनी ने पूरे वित्त वर्ष 2026 के दौरान अपने रेवेन्यू के 4,200 करोड़ से 4700 करोड़ रुपये के बीच में रहने का अनुमान जताया है। अगर ऐसा होता है तो यह कंपनी का रेवेन्यू ग्रोथ वित्त वर्ष 2025 से पॉजिटिव हो सकता है। कंपनी ने अपने वॉल्यूम्स के 3.25 से 3.75 लाख यूनिट्स के करीब रहने का अनुमान जताया है, जिसमें उसका ग्रॉस मार्जिन 35% से 40% के बीच रह सकता है।
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तिमाही आधार पर बेहतर नतीजे
ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के नतीजे तिमाही आधार पर कुछ बेहतर रहे। कंपनी को मार्च तिमाही में 870 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था, जो अब जून तिमाही में घटकर 428 करोड़ रुपये पर आ गया। कंपनी के रेवेन्यू में भी तिमाही आधार पर बढ़ोतरी देखी गई। इसके अलावा कंपनी का ऑटो बिजनेस भी जून तिमाही के दौरान EBITDA के स्तर पर भी मुनाफे में आ गया
कंपनी ने 14 जुलाई को मीडिया को दिए एक बयान में कहा, “कंपनी के ऑटो बिजनेस ने जून में EBITDA को पॉजिटिव बना दिया, जो कंपनी की वर्टिकल इंटीग्रेशन स्ट्रैटजी के कारण मजबूत ग्रॉस मार्जिन के कारण संभव हुआ।”
‘प्रोजेक्ट लक्ष्य’ से लागत घटाने में मिली मदद
कंपनी ने बताया कि उसके लागत घटाने की पहल ‘प्रोजेक्ट लक्ष्य’ के चलते ऑटो बिजनेस में एफिशियंसी बढ़ी है। उसके ऑटो सेगमेंट का मंथली ऑपरेटिंग खर्च ₹178 करोड़ से घटकर ₹105 करोड़ हो गया है। फिलहाल कंसोलिडेटेड ऑपरेटिंग खर्च 150 करोड़ पर है, जिसे FY26 तक और घटाकर ₹130 करोड़ करने का लक्ष्य है।
कंपनी के मुताबिक, Q1 में ऑटो व्यवसाय का ऑपरेटिंग कैश फ्लो लगभग न्यूट्रल रहा, जबकि फ्री कैश फ्लो ₹455 करोड़ से बढ़कर ₹107 करोड़ हो गया।
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Source: MoneyControl