NSE Q1FY26 Results : भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1FY26) के नतीजे जारी कर दिए हैं. इस तिमाही में जहां कंपनी का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 14% बढ़कर 2,924 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, वहीं ऑपरेशनल रेवेन्यू साल-दर-साल आधार पर 11% गिरकर 4,032 करोड़ रुपये रहा है. हालांकि तिमाही-दर-तिमाही आधार पर देखें तो एनएसई की कुल आय और लाभ दोनों में मजबूती देखने को मिली है. पिछली तिमाही (Q4FY25) से तुलना करें तो ऑपरेशनल रेवेन्यू में 7% की बढ़त दर्ज हुई, जबकि मुनाफा 10% बढ़ा है. खास बात ये है कि एनएसई के ये नतीजे इसी वित्त वर्ष के दौरान कंपनी का आईपीओ आने की चर्चाओं के बीच जारी हुए हैं. इन अटकलों के कारण पिछले कुछ महीनों में एनएसई के अन-लिस्टेड शेयरों में रिटेल इनवेस्टर्स की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है.
ऑपरेटिंग मार्जिन और खर्च में सुधार
Q1FY26 में NSE का ऑपरेटिंग EBITDA 3,130 करोड़ रुपये रहा, जो Q4FY25 के मुकाबले 12% अधिक है. EBITDA मार्जिन भी सुधरकर 78% पर पहुंच गया, जबकि पिछली तिमाही में यह 74% था. सालाना आधार पर भी ऑपरेटिंग लेवल पर 1% की बढ़त देखने को मिली है.
खर्चों की बात करें तो NSE ने इस तिमाही में कुल 1,053 करोड़ रुपये खर्च किए, जो पिछली तिमाही से 6% कम और पिछले साल की समान तिमाही से 31% कम है. यानी कंपनी ने लागत पर अच्छी पकड़ बनाई है, जिससे लाभ में इजाफा संभव हुआ है.
बुक वैल्यू और रिटर्न ऑन इक्विटी
Q1FY26 में कंपनी की बुक वैल्यू प्रति शेयर बढ़कर 134.67 रुपये हो गई है, जो Q1FY25 में 107.26 रुपये और पूरे FY25 में 122.64 रुपये थी. यह निवेशकों के लिए पॉजिटिव खबर है. हालांकि, रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) घटकर 37% रह गया है, जो पिछली साल की समान तिमाही (Q1FY25) में 41% और पूरे FY25 में 45% रहा था. इससे यह संकेत मिलता है कि कंपनी को अपनी इक्विटी पर पहले जितना रिटर्न नहीं मिल रहा है, लेकिन यह अब भी मजबूत स्तर पर बना हुआ है.
कमाई का बड़ा हिस्सा ऑपरेशन से आया
कंपनी की कुल कमाई 4,798 करोड़ रुपये रही, जिसमें से 4,032 करोड़ रुपये ऑपरेशनल रेवेन्यू से आया. यह कुल आय का लगभग 84% है. इसका मतलब है कि NSE की कमाई का बड़ा हिस्सा अब भी उसके मुख्य कारोबार से ही आ रहा है. कंपनी की प्रति शेयर आय (EPS – Earnings per Share) भी Q1FY26 में बढ़कर 11.81 रुपये हो गई है, जो Q4FY25 में 10.71 रुपये और Q1FY25 में 10.37 रुपये थी. इससे यह पता चलता है कि शेयरधारकों की कमाई में भी इजाफा हुआ है.
मुनाफा मजबूत लेकिन रेवेन्यू पर दबाव
NSE ने Q1FY26 में जहां लागत को काबू में रखकर मुनाफा बढ़ाया है, वहीं ऑपरेशनल रेवेन्यू में सालाना आधार पर आई गिरावट चिंता की वजह हो सकती है. हालांकि, तिमाही-दर-तिमाही आधार पर हुए सुधार और मजबूत ऑपरेटिंग मार्जिन से संकेत मिलता है कि कंपनी का प्रदर्शन कुल मिलाकर अच्छा रहा है.
टोटल इनकम सालाना आधार पर 3% घटी
NSE ने Q1FY26 में 4,798 करोड़ रुपये की कंसॉलिडेटेड कुल आय दर्ज की है, जो पिछली तिमाही (Q4FY25) के 4,397 करोड़ रुपये से 9% ज्यादा है. लेकिन पिछले साल की समान तिमाही (Q1FY25) के 4950 करोड़ रुपये की कुल आय के मुकाबले यह 3 फीसदी कम है. इसी अवधि में कंपनी का नेट प्रॉफिट 2,924 करोड़ रुपये रहा, जो पिछली तिमाही के 2,650 करोड़ रुपये के मुकाबले 10% ज्यादा है. पिछले साल की समान तिमाही (Q1FY25) के 2567 करोड़ रुपये के नेट प्रॉफिट की तुलना में यह 14% अधिक है.
कंपनी का ऑपरेटिंग EBITDA भी पिछले साल की चौथी तिमाही (Q4FY25) के 2799 करोड़ रुपये के मुकाबल 12% की बढ़त के साथ 3,130 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. लेकिन सालाना आधार पर देखें तो Q1FY25 के 3106 करोड़ रुपये के ऑपरेटिंग EBITDA की तुलना में यह सिर्फ 1 फीसदी अधिक है.
अगर एक बार के इनवेस्टमेंट गेन, टैक्स रिफंड और रेगुलेटरी सेटलमेंट फीस को अलग कर दिया जाए, तो कंसॉलिडेटेड प्रॉफिट बिफोर टैक्स भी 12% की बढ़त के साथ 3,683 करोड़ रुपये रहा.
लेकिन ट्रेडिंग वॉल्यूम में इजाफा
स्टैंडअलोन आधार पर कंपनी की कुल आय 4,243 करोड़ रुपये रही, जो Q4FY25 के 5,860 करोड़ रुपये से कम है. यह गिरावट मुख्य रूप से पिछले वित्त वर्ष में NSE इन्वेस्टमेंट्स से प्राप्त डिविडेंड की वजह से थी. इस एकमुश्त डिविडेंड को छोड़ दें, तो कंपनी की आय में 9% की बढ़त दर्ज की गई है.
जून तिमाही में NSE की ऑपरेशनल रेवेन्यू (Revenue from Operations) 4032 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की समान तिमाही के 4510 करोड़ रुपये के मुकाबले 11 फीसदी कम है. हालांकि पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (Q4FY25) की 3771 करोड़ रुपये की ऑपरेशनल रेवेन्यू की तुलना में यह 7 फीसदी ज्यादा है.
ट्रेडिंग वॉल्यूम में तेजी
Q1FY26 में कैश मार्केट में औसतन प्रतिदिन 1.08 लाख करोड़ रुपये का ट्रेड हुआ, जो पिछली तिमाही से 14% अधिक रहा. इक्विटी फ्यूचर्स में यह आंकड़ा 1.68 लाख करोड़ रुपये रहा, जिसमें 5% की बढ़त दर्ज हुई. वहीं, इक्विटी ऑप्शंस (प्रीमियम वैल्यू) में औसत दैनिक ट्रेडिंग 55,514 करोड़ रुपये रही, जो 9% अधिक है.
बाजार में निवेशकों की बढ़ती भागीदारी का फायदा कंपनी की ट्रांजैक्शन चार्ज से होने वाली कमाई में दिखाई दे रहा है. Q1FY26 में ट्रांजैक्शन चार्ज से कंपनी को 3,150 करोड़ रुपये की कमाई हुई, जो पिछली तिमाही के मुकाबले 7% अधिक है.
Source: Financial Express