NSE IPO से किसको कितना मुनाफा?
31% हिस्सेदारी PSUs यानी सरकारी कंपनियों के पास
देश की कई सरकारी कंपनियों के पास NSE में मिलाकर 31% हिस्सेदारी है, जिसकी वैल्यू अब ₹1.74 लाख करोड़ से ज़्यादा हो चुकी है.
सबसे बड़ा शेयरधारक — Stock Holding Corporation
हिस्सेदारी- 4.44% है. वैल्यू करीब ₹25,000 करोड़ है. यह कंपनी अनलिस्टेड है लेकिन NSE IPO से इसकी वैल्यू में जबरदस्त उछाल आ सकता है.
SBI Capital Markets के पास करीब 4.33% हिस्सेदारी है. वैल्यू: ₹24,000 करोड़ रुपये है.
यह SBI की सब्सिडियरी है और सीधे-सीधे इस IPO का बड़ा लाभार्थी मानी जा रही है.
State Bank of India (SBI) के पास करीब 3.23% हिस्सेदारी है. वैल्यू करीब ₹18,000 करोड़ रुपये की है. देश का सबसे बड़ा बैंक खुद भी NSE का अहम स्टेकहोल्डर है.
General Insurance Corporation (GIC) के पास करीब 1.64% हिस्सेदारी है. वैल्यू ₹9,118 करोड़ है. यह लिस्टेड PSU बीमा कंपनी IPO से डायरेक्ट लाभ उठा सकती है.
अन्य सरकारी हिस्सेदार
इनके पास भी NSE में हिस्सेदारी है
Oriental Insurance
National Insurance
New India Assurance
Bank of Baroda
United India Insurance
Indian Bank
SBI Life
IDBI Trusteeship
PNB
IPO के बाद क्या होगा फायदा
इन PSUs की बुक वैल्यू सुधरेगी, नेटवर्थ बढ़ेगी, और कई कंपनियों के लिए यह डिवेस्टमेंट या लिक्विडिटी का ज़रिया बन सकता है.
PSU स्टेक की वैल्यू बढ़ने से सरकार की बैलेंस शीट मजबूत होगी और अगले बजट में डिवेस्टमेंट टारगेट आसान हो सकता है.
₹2,350 के प्राइस पर NSE का ग्रे मार्केट प्रीमियम काफी सक्रिय है — यह दर्शाता है कि रिटेल से लेकर संस्थागत निवेशक तक इस IPO के लिए उत्साहित हैं.
जो निवेशक PSU शेयरों में हैं (जैसे GIC, SBI, BoB), उन्हें NSE लिस्टिंग से मिलने वाले डायरेक्ट फायदे पर नज़र रखनी चाहिए.
कुल मिलाकर-NSE का IPO न सिर्फ बाजार के लिए बड़ा इवेंट होगा, बल्कि यह भारत की कई सरकारी कंपनियों के लिए “windfall gain” साबित हो सकता है. निवेशकों के लिए यह समझना ज़रूरी है कि किस PSU की बैलेंस शीट में इस IPO से चमक आने वाली है.
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Source: CNBC