NSE के MD आशीष चौहान बोले- बाजार और रिश्ते दोनों में आते हैं उतार-चढ़ाव, अटकलों से भी बचने की दी सलाह

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (MD & CEO) आशीष चौहान ने ET Now को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि बाजार और रिश्ते दोनों में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. बाजार में वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच स्थिरता का दौर चल रहा है, लेकिन सही बात यह है कि आने वाला समय बेहतर होगा.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया के बड़े देश चीन और भारत की वजह से अपनी चीजें खो रही हैं. इसलिए वे टैरिफ बढ़ाकर अपने बाजार को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. इससे चीजें महंगी हो रही हैं और मांग कम हो रही है, जो ठीक नहीं है.

दुनिया बूढ़ी हो रही है, भारत जवान

आशीष चौहान ने कहा कि दुनिया के ज्यादातर विकसित देश जैसे जापान, चीन, अमेरिका और यूरोप बूढ़े हो रहे हैं, जबकि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश की आबादी अभी भी जवान है. बूढ़ी आबादी के कारण मांग धीमी होगी, वहीं भारत की युवा आबादी ग्रोथ के लिए एक बड़ा अवसर प्रस्तुत करती है.

टेक्नोलॉजी है भारत की ताकत

टेक्नोलॉजी ने दुनिया को पूरी तरह बदल दिया है और भारत को इसका जबरदस्त फायदा हुआ है. पिछले 30 सालों में भारत ने कंप्यूटर, इंटरनेट और सॉफ्टवेयर जैसे सेक्टर में बहुत तरक्की की है. आज भारत दुनियाभर को IT सर्विस देता है, जैसे ऐप बनाना, वेबसाइट डिजाइन करना या कंपनियों को टेक्नोलॉजी से जुड़ी सलाह देना. अब जब टेक्नोलॉजी और तेजी से आगे बढ़ रही है, तो भारत के पास इससे और भी बड़ा बनने का मौका है.

दोतरफा कूटनीति का नया युग

आशीष कहते हैं कि पहले दुनिया के देश मिलकर एक साथ फैसले लेते थे, जैसे संयुक्त राष्ट्र (UN) या वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) में. उस समय भारत की बात ज्यादा नहीं सुनी जाती थी. लेकिन अब देश आपस में एक-दूसरे से सीधे बात करके समझौते कर रहे हैं. इस नए दौर में भारत की ताकत और उसकी अहमियत को माना जा रहा है, इसलिए अब बाकी देश भारत को पहले से ज्यादा सम्मान दे रहे हैं.

लंबे समय की बढ़त- भारत की कहानी

पिछले 30 सालों में भारत की अर्थव्यवस्था हर साल औसतन 6.5 से 7% की रफ्तार से बढ़ी है, जो एक मजबूत और लगातार ग्रोथ मानी जाती है. अगर शेयर बाजार की बात करें, तो भारतीय निवेशकों को हर साल करीब 12-13% का रिटर्न मिला है. डॉलर के मुकाबले भी भारत का परफॉर्मेंस अमेरिका के बड़े इंडेक्स S&P 500 से थोड़ा बेहतर रहा है. अगर ये तेजी ऐसे ही बनी रही, तो 2047 तक भारत एक पूरी तरह विकसित (डेवलप्ड) देश बन सकता है.

लंबे समय तक सोच-समझकर निवेश करें रिटेल निवेशक

आशीष चौहान का कहना है कि दो तरह के रिटेल निवेशक होते हैं. जो लंबे समय तक निवेश करते हैं, उन्हें म्यूचुअल फंड या प्रोफेशनल मैनेजर के जरिए निवेश पर ध्यान देना चाहिए. जो हर खबर पर तुरंत प्रतिक्रिया करते हैं, वे अक्सर नुकसान में रहते हैं. दोनों के लिए अनुशासन और अटकलों से बचना जरूरी है.

Source: Economic Times