मौजूदा स्ट्रक्चर में बड़े SUVs पर 28 फीसदी GST और 22 फीसदी तक कंपनसेशन सेस लगता था, जिससे कुल टैक्स 43–50 फीसदी तक पहुंच जाता था. नए सिस्टम में M&M के SUV पोर्टफोलियो का लगभग 40 फीसदी हिस्सा 18 फीसदी स्लैब में आएगा, जबकि बाकी 60 फीसदी पर भी मौजूदा दर से कम टैक्स लगेगा.
अब लगेगा 18 % GST
कंपनी की कुल ऑटो वॉल्यूम का लगभग 60 फीसदी (कमर्शियल व्हीकल्स समेत) अब 18 फीसदी GST स्लैब में आएगा. वहीं रेवेन्यू में 30 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले ट्रैक्टर 12 फीसदी से घटकर 5 फीसदी GST स्लैब में आ जाएंगे. ट्रैक्टर पार्ट्स पर भी सिर्फ 5 फीसदी टैक्स लगेगा.
कंपनी ने कहा कि वह जीएसटी कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों तक पहुंचाएगी. कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और ऑटो व फार्म सेक्टर के सीईओ राजेश जेजुरीकर ने बताया ”ट्रैक्टरों की कीमतें हॉर्सपावर कैटेगरी के आधार पर 40000 रुपये से 60000 रुपये तक घटेंगी. कंपनी हर महीने करीब 35000–40000 ट्रैक्टर बेचती है.”
त्योहारी सीजन में इसका खास असर नहीं
हालांकि कंपनी ने कहा कि तुरंत त्योहारी सीजन में इसका खास असर नहीं दिखेगा. उन्होंने कहा ”हमें सिर्फ 20 दिन का समय मिला है. इतनी जल्दी क्षमता या प्रोडक्शन नहीं बढ़ाया जा सकता.” महिंद्रा ग्रुप के सीईओ और एमडी अनिश शाह ने कहा कि ये सुधार भारत को 8–10 फीसदी आर्थिक विकास दर की ओर ले जा सकते हैं और निजी निवेश को भी प्रोत्साहित करेंगे.
जीएसटी काउंसिल की बैठक, जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की, में दो स्लैब स्ट्रक्चर (5% और 18%) को मंजूरी दी गई. जबकि लग्जरी और सिन गुड्स पर 40 फीसदी दर लागू की जाएगी. मौजूदा 28 फीसदी और 12 फीसदी स्लैब समाप्त कर दिए जाएंगे.
SUVs होंगी सस्ती
जीएसटी 2.0 लागू होने के बाद लोकप्रिय SUVs की कीमतों में कमी आएगी. इसमें ह्यूंडई क्रेटा, महिंद्रा स्कॉर्पियो-एन और टाटा सफारी जैसी गाड़ियां शामिल हैं. नई टैक्स व्यवस्था के तहत 28% GST और 22% तक लगने वाले Compensation Cess को हटाकर सरल ढांचा लागू किया गया है.
अब कई SUVs पर प्रभावी टैक्स बोझ पहले की तुलना में कम हो जाएगा. ऑटो इंडस्ट्री का मानना है कि इससे SUV सेगमेंट की बिक्री में तेजी आ सकती है और ग्राहकों को सीधा फायदा मिलेगा.
Source: CNBC