Market Outlook this week: इस हफ्ते घरेलू शेयर बाजार की चाल कई अहम कारकों पर निर्भर करेगी. जिनमें शामिल हैं भारत और अमेरिका से आने वाले आर्थिक आंकड़े, अमेरिका के संभावित शुल्क निर्णय, वैश्विक व्यापार समझौते, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और मानसून की प्रगति. विश्लेषकों का मानना है कि निवेशक अब तेजी से पहली तिमाही के कॉरपोरेट नतीजों की ओर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, ऐसे में बाजार में हलचल तेज रह सकती है.
निवेशकों की इन पर रहेगी नजर
बजाज ब्रोकिंग रिसर्च के अनुसार, “30 जून को भारत का मई महीने का औद्योगिक उत्पादन (IIP) डेटा जारी होगा, जिससे घरेलू मैन्युफैक्चरिंग की ताकत का अंदाजा लगेगा. 1 जुलाई को मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई और 3 जुलाई को सर्विस पीएमआई डेटा आएंगे, जो आर्थिक गति के संकेतक होंगे.” इन आंकड़ों का सीधा असर निवेशकों की धारणाओं और रिजर्व बैंक के नीति रुख पर पड़ सकता है.
बीते हफ्ते बाजार में जबरदस्त तेजी
पिछले सप्ताह भू-राजनीतिक तनाव में कमी और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने घरेलू बाजार को नई ऊर्जा दी. बीएसई सेंसेक्स 1,650 अंक यानी 2% और निफ्टी 525 अंक यानी 2% उछल गया. वहीं चार लगातार सत्रों की तेजी में सेंसेक्स 2,162 अंक और निफ्टी 665 अंक मजबूत हुए.
क्या कहते हैं बाजार विशेषज्ञ?
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद नायर ने कहा, “पहली तिमाही के नतीजों से पहले कंपनियों के प्रदर्शन को निवेशक ध्यान से देख रहे हैं. इसके अलावा अमेरिका द्वारा प्रस्तावित व्यापार समझौतों और ग्लोबल डेटा—जैसे US नॉन-फार्म पेरोल और बेरोजगारी दर—का भी असर देखने को मिलेगा.”
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सिद्धार्थ खेमका ने कहा, “संस्थागत निवेश और अमेरिका-भारत व्यापार समझौतों की उम्मीद से बाजार को मजबूती मिल रही है.”
रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजित मिश्रा ने जोड़ा, “घरेलू स्तर पर IIP, PMI और मानसून की स्थिति के साथ-साथ विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की गतिविधियां बाजार की दिशा तय करेंगी.”
Source: Financial Express