Market outlook : गिरावट के साथ बंद हुआ बाजार, जानिए 4 जून को कैसी रह सकती है इसकी चाल

Stock market : भारतीय बेंचमार्क इंडेक्स 3 जून को लगातार तीसरे सत्र में गिरावट के साथ बंद हुए और निफ्टी 24,550 से नीचे आ गया। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 636.24 अंक या 0.78 फीसदी की गिरावट के साथ 80,737.51 पर और निफ्टी 174.10 अंक या 0.70 फीसदी की गिरावट के साथ 24,542.50 पर बंद हुआ। लगभग 1701 शेयरों में बढ़त दर्ज की गई, 2148 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई और 134 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 0.5 फीसदी की गिरावट आई जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स सपाट रहा। सेक्टोरल इंडेक्सों की बात करें तो रियल्टी इंडेक्स में 1 फीसदी की बढ़त हुई। जबकि बैंक, कैपिटल गुड्स,कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, आईटी, तेल एवं गैस, पावर, निजी बैंक, पीएसयू बैंक इंडेक्सों में 0.5-1 फीसदी की गिरावट आई।

अडानी पोर्ट्स, बजाज फिनसर्व, अडानी एंटरप्राइजेज, कोल इंडिया, पावर ग्रिड निफ्टी के टॉप लूजरों में रहे। जबकि ग्रासिम इंडस्ट्रीज, श्रीराम फाइनेंस, एमएंडएम, बजाज ऑटो और सिप्ला निफ्टी के टॉप गेनरों में शामिल रहे।

रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा का कहना है कि कमजोर ग्लोबल संकेतों के बीच बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। अंत में ये 0.50 फीसदी से अधिक की गिरावट के साथ बंद हुआ। शुरुआती तेजी के बाद,निफ्टी में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला। हालांकि, कारोबारी सत्र के अंतिम हिस्से में निफ्टी में शॉर्ट-टर्म मूविंग एवरेज (20 डीईएमए) से नीचे चला गया। आखिरकार, यह दिन के निचले स्तर 24,539 पर बंद हुआ।

विदेशी निवेशकों की तरफ से लगातार हो रही निकासी, जियो-पोलिटिकल तनाव और ट्रेड डील पर अनिश्चितता जैसे कमजोर संकेतों के चलते बाजार पर दबाव बन रहा है। निफ्टी ने लगभग डेढ़ महीने में पहली बार अपने शॉर्ट टर्म (20 डीईएमए) सपोर्ट को निर्णायक रूप से तोड़ दिया है। इससे निफ्टी में 24,200-24,400 के जोन की ओर और गिरावट आ सकती है। हालांकि, बैंकिंग सेक्टर के अपेक्षाकृत मजबूत प्रदर्शन से गिरावट सीमित रह सकती है। ऐसे में हमें मौजूदा माहौल में स्टॉक सेलेक्शन और ट्रेड मैनेजमेंट में सावधानी बरतने की जरूरत है।

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जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि मिलेजुले ग्लोबल संकेतों,भू-राजनीतिक तनावों और कमजोर अमेरिकी डॉलर के कारण करेंसी मार्केट में अस्थिरता आ गई। इसके चलते घरेलू इक्विटी बाजार भी निगेटिव जोन में रहा। आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद के कारण रियल एस्टेट शेयरों को छोड़कर सभी सेक्टरों में मुनाफावसूली देखने को मिली। बेहतर अर्निंग ग्रोथ और वैल्यूएशन बेहतर होने के चलते मिड- और स्मॉल-कैप शेयरों में लार्ज कैप की तुलना में कम कंसोलीडेशन हो रहा है। हालांकि शॉर्ट टर्म में बाजार में कंसेलीडेशन जारी रहने की संभावना है, लेकिन घरेलू अर्थव्यवस्था पर निर्भर मजबूत फंडामेंटल्स वाली कंपनियां बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं।

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Source: MoneyControl

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