Market Outlook: भारतीय शेयर बाजार में 4 जुलाई को समाप्त सप्ताह में मुनाफावसूली देखने को मिली। पिछले दो हफ्तों में करीब 4% की तेजी के बाद इस सप्ताह निफ्टी 0.7% गिरा, हालांकि लो वोलाटिलिटी इंडेक्स (VIX) ने बाजार को सहारा दिया।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के वेल्थ मैनेजमेंट रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका के मुताबिक, बाजार इस समय कंसोलिडेशन फेज में है और अमेरिकी व्यापार नीति पर स्पष्टता का इंतजार कर रहा है। वहीं, जियोजित इन्वेस्टमेंट्स में रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है, ‘अगर अमेरिका-भारत ट्रेड डील पर सकारात्मक नतीजा आता है, तो इसका फायदा खासतौर पर IT, फार्मा और ऑटो जैसे व्यापार-संवेदनशील सेक्टर्स को मिलेगा।’
आइए जानते हैं उन 10 प्रमुख फैक्टर के बारे में, जो सोमवार, 7 जुलाई से शुरू हो रहे कारोबारी में बाजार की दशा और दिशा तय करेंगे।
कंपनियों के तिमाही नतीजे
बाजार की निगाहें अगले हफ्ते से शुरू हो रहे कॉरपोरेट अर्निंग्स सीजन (अप्रैल-जून तिमाही 2025) पर होंगी। इसकी शुरुआत TCS, एवेन्यू सुपरमार्ट्स, टाटा एलेक्सी, सिएमेंस एनर्जी इंडिया और आदित्य बिड़ला मनी जैसी कंपनियों के नतीजों से होगी।
एक्सपर्ट को इस बार के तिमाही नतीजों से काफी उम्मीदें हैं। उन्हें लगता है कि कंपनियों के फाइनेंशियल आंकड़े और मैनेजमेंट कमेंट्री इस साल मजबूत रिकवरी के संकेत दे सकते हैं और पूरे साल की कमाई का अनुमान ऊपर की तरफ रिवाइज किया जा सकता है। यह अभी जो अभी 12–13 प्रतिशत है। इस उम्मीद के पीछे कुछ अहम वजहें हैं- बजट में टैक्स स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव, RBI की ओर से ब्याज दरों में कटौती, भू-राजनीतिक तनावों में नरमी और सरकार का बढ़ता कैपेक्स।
ट्रंप टैरिफ पर रहेगी नजर
ग्लोबल फ्रंट पर सबसे अहम फैक्टर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति से जुड़ा होगा। 9 जुलाई को उस 90-दिन की मोहलत का अंत हो रहा है जो अप्रैल में सभी व्यापारिक साझेदारों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने के फैसले को टालने के लिए दी गई थी। अब यह देखा जाएगा कि अमेरिका टैरिफ रेट्स में क्या संशोधन करता है, बेसलाइन रेट्स कैसे फिक्स होते हैं और किन देशों के साथ ट्रेड डील्स को अंतिम रूप दिया जाता है।
लेटेस्ट रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर जापान के साथ 9 जुलाई तक डील नहीं होती तो वह 30 या 35 प्रतिशत टैरिफ लगा सकते हैं। ब्रिटेन, चीन और वियतनाम के साथ समझौते हो चुके हैं, जबकि भारत के साथ डील की संभावना प्रबल मानी जा रही है। यूरोपियन यूनियन भी जल्द ही एक बुनियादी करार की घोषणा कर सकता है जिससे नए टैरिफ टल जाएं।
कोटक सिक्योरिटीज की कायनात चैनवाला के अनुसार, बाजार में सतर्कता बनी रह सकती है क्योंकि ट्रंप 7 जुलाई, सोमवार को 12 देशों पर टैरिफ नोटिस जारी कर सकते हैं, जिनमें कुछ शुल्क 70 प्रतिशत तक जा सकते हैं। उम्मीद है कि ये सभी टैरिफ 1 अगस्त से प्रभावी होंगे।
FOMC Minutes पर टिकी निगाहें
अगले हफ्ते बाजार की नजर अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) की जून में हुई बैठक के मिनट्स पर भी रहेगी। उस बैठक और इसके बाद कई फेड अधिकारियों के बयानों में कहा गया था कि ब्याज दरों में कटौती को लेकर सतर्कता बरती जाएगी, क्योंकि टैरिफ बढ़ने से महंगाई का जोखिम बना हुआ है। साथ ही, अमेरिका में मजबूत रोजगार आंकड़े यह संकेत देते हैं कि अभी फेड को ब्याज दर घटाने की तत्काल जरूरत नहीं है।
हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव के चलते जुलाई या सितंबर में दरों में कटौती की संभावना अब भी बनी हुई है। फेड की जून पॉलिसी में फेडरल फंड्स रेट लगातार चौथी बार 4.25-4.50% पर स्थिर रखा गया था।
वैश्विक आर्थिक आंकड़े
FOMC मिनट्स के अलावा, अमेरिका के साप्ताहिक जॉब डेटा और जून के लिए कंज्यूमर इनफ्लेशन अपेक्षाएं भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेंगी। इसी तरह यूरोप के रिटेल सेल्स डेटा, जापान का प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स (PPI), चीन के CPI और PPI आंकड़े भी आएंगे। ये सभी आंकड़े ग्लोबल बाजार धारणा को प्रभावित कर सकते हैं।
कच्चे तेल की कीमतों पर नजर
भारत जैसे नेट इम्पोर्टर देशों के लिए कच्चे तेल की कीमतें एक अहम संकेतक हैं। पिछले हफ्ते OPEC+ की बैठक के बाद कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। साथ ही, ट्रंप की नई टैरिफ पॉलिसी के चलते कीमतों पर और दबाव आने की आशंका है।
कोटक सिक्योरिटीज की कायनात चैनवाला के मुताबिक, ‘OPEC+ ने अगस्त के लिए उम्मीद से ज्यादा 5,48,000 बैरल प्रतिदिन (bpd) उत्पादन बढ़ाने पर सहमति दी है, जो पिछले तीन महीनों के औसत 4,11,000 bpd से कहीं ज्यादा है। इससे तेल की कीमतों पर दबाव पड़ सकता है।’
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड में 3% की तेजी दर्ज की गई और यह सप्ताहांत में $68.8 प्रति बैरल पर बंद हुआ। हालांकि, पिछले हफ्ते इसमें 13% से अधिक की गिरावट आई थी। अमेरिका और चीन के मजबूत आर्थिक आंकड़ों ने कीमतों को सहारा दिया, लेकिन अमेरिकी टैरिफ की आशंका ने तेजी को सीमित रखा।
FII फ्लो पर रहेगी नजर
घरेलू बाजार में अगले हफ्ते निवेशकों की नजर विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के मूड पर होगी। बीते हफ्ते (30 जून से 4 जुलाई) FII ने कैश सेगमेंट में कुल ₹6,605 करोड़ की शुद्ध बिकवाली की। इससे पहले वे लगातार खरीदार थे। ऊंचे वैल्यूएशन के चलते बिकवाली देखने को मिली। हालांकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने ₹7,609 करोड़ की नेट खरीदारी के साथ इस कमजोरी की भरपाई की। अगस्त 2023 से DII लगातार मजबूत खरीदारी कर रहे हैं।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट विजयकुमार ने कहा, ‘FII की खरीदारी दो बातों पर निर्भर करेगी, अगर भारत-अमेरिका ट्रेड डील होती है, तो यह बाजार और FII फ्लो के लिए पॉजिटिव होगा। दूसरा, Q1FY26 के रिजल्ट कैसे रहते हैं, इस पर सबकी नजर होगी।”
अमेरिकी डॉलर इंडेक्स लगातार दूसरे हफ्ते गिरा और 0.28% की कमजोरी के साथ 96.985 पर बंद हुआ, जो फरवरी 2022 के बाद सबसे निचला स्तर है। हालांकि जुलाई में अब तक यह 0.21% ऊपर रहा है। जनवरी-जून के दौरान इसमें कुल 12.15% की गिरावट आई थी।
IPO मार्केट में जबरदस्त हलचल
अगले हफ्ते दलाल स्ट्रीट पर प्राइमरी मार्केट की रफ्तार तेज बनी रहेगी, जहां छह नए इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग्स (IPO) लॉन्च होने जा रहे हैं। मेनबोर्ड सेगमेंट में Travel Food Services का ₹2,000 करोड़ का पब्लिक इश्यू 7 जुलाई को खुलेगा, इसके बाद Smartworks Coworking Spaces का IPO 10 जुलाई से शुरू होगा।
SME सेगमेंट में भी निवेशकों को कई विकल्प मिलेंगे। 7 जुलाई को Smarten Power Systems और Chemkart India क्रमशः ₹50 करोड़ और ₹80 करोड़ के इश्यू के साथ बाजार में उतरेंगी। इसके बाद 8 जुलाई को Glen Industries ₹63 करोड़ का IPO लाएगी, जबकि 9 जुलाई को Asston Pharmaceuticals ₹27.6 करोड़ का पब्लिक इश्यू लॉन्च करेगी। इसी दिन, CFF Fluid Control की ₹87.8 करोड़ की फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग भी खुलेगी।
लिस्टिंग की बात करें तो Cryogenic OGS और Happy Square Outsourcing Services के IPO 7 जुलाई को बंद होंगे और उनकी लिस्टिंग 10 जुलाई को होगी। Meta Infotech का पब्लिक ऑफर 8 जुलाई को बंद होगा और इसका स्टॉक 11 जुलाई को डेब्यू करेगा। इसके अलावा 7 जुलाई को कुल पांच कंपनियां- Marc Loire Fashions, Vandan Foods, Pushpa Jewellers, Cedaar Textile और Silky Overseas बाजार में लिस्ट होंगी। मेनबोर्ड सेगमेंट में Crizac एकमात्र कंपनी है, जो 9 जुलाई को शेयर बाजार में कदम रखेगी।
टेक्निकल नजरिया
पिछले हफ्ते निफ्टी 50 इंडेक्स 25,300 से 25,700 के दायरे में कारोबार करता रहा, जो इससे पिछले सप्ताह की रेंज के लगभग बराबर है। यह दिखाता है कि बाजार में अभी स्पष्ट दिशा का अभाव और अनिश्चितता बनी हुई है। एक्सपर्ट के मुताबिक, आने वाले सप्ताह में अगर निफ्टी 25,300 के स्तर को निर्णायक तरीके से तोड़ता है, तो अगला सपोर्ट 25,200 पर माना जा रहा है। अगर यह लेवल भी टूटता है, तो इंडेक्स 25,000–24,800 के दायरे तक नीचे जा सकता है।
वहीं, अगर निफ्टी 25,600–25,700 के ऊपर टिकता है, तो 25,800–26,000 के स्तर खुल सकते हैं। MACD अभी भी जीरो लाइन से ऊपर बना हुआ है और इसमें ऊपर की ओर झुकाव है। वहीं, स्टोकास्टिक RSI ने साप्ताहिक चार्ट पर पॉजिटिव क्रॉसओवर बनाए रखा है। RSI 60 से ऊपर 62.4 पर बना है, हालांकि इसमें पिछले सप्ताह थोड़ी नरमी देखी गई।
वीकली ऑप्शंस डेटा संकेत देता है कि निफ्टी के लिए व्यापक दायरा 25,000 से 26,000 के बीच हो सकता है, जबकि 25,200–25,700 का दायरा तुरंत नजर रखने योग्य रहेगा। कॉल ऑप्शंस की बात करें तो सबसे ज्यादा ओपन इंटरेस्ट 26,000 स्ट्राइक पर है, उसके बाद 25,500 और 25,700 पर है। सबसे ज्यादा कॉल राइटिंग 26,000 पर हुई है, उसके बाद 26,200 और 25,700 पर।
पुट ऑप्शंस में सबसे अधिक ओपन इंटरेस्ट 25,000 स्ट्राइक पर है, उसके बाद 25,200 और 25,400 पर। सबसे ज्यादा पुट राइटिंग 25,200 पर हुई है, फिर 25,300 और 25,400 पर।
इस बीच, इंडिया VIX (वोलैटिलिटी इंडेक्स) लगातार तीसरे हफ्ते गिरा है और सभी प्रमुख मूविंग एवरेज के नीचे बना हुआ है, जो बुल्स के लिए राहत की बात है। यह सप्ताह के अंत में 0.59% गिरकर 12.32 पर बंद हुआ, जो सितंबर 2024 के बाद से सबसे निचला स्तर है।
कॉर्पोरेट एक्शन
अगले हफ्ते कई कंपनियों में अहम कॉरपोरेट एक्शन होंगे। इनमें डिविडेंड, बोनस इश्यू और स्टॉक स्प्लिट शामिल हैं। (देखें चार्ट)
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Source: MoneyControl