केईसी इंटरनेशनल के लिए समय अच्छा नहीं चल रहा है। कंपनी के नॉन-टीएंडडी बिजनेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। मार्च 2025 में एग्जिक्यूशन में भी सुस्ती दिखी। रेलवे और सिविल सेगमेंट्स से जुड़े शॉर्ट टर्म मसलों का समाधान जल्द हो जाने की उम्मीद है। टीएंडडी बिजनेस का प्रदर्शन अच्छा है। कंपनी की ऑर्डरबुक स्ट्रॉन्ग है। ऐसे में फाइनेंशियल ईयर 2025-26 में अच्छी ग्रोथ की उम्मीद की जा सकती है।
मार्जिन 110 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ा
FY25 की चौथी तिमाही में KEC International की रेवेन्यू ग्रोथ 12 फीसदी रही। इसमें T&D सेगमेंट में अच्छे एग्जिक्यूशन और केबल्स सेगमेंट के बेहतर प्रदर्शन का हाथ है। इससे कंपनी का EBITDA 540 करोड़ रुपये पहुंच गया। यह साल दर साल आधार पर 39 फीसदी ज्यादा है। मार्जिन 110 बेसिस प्वाइंट्स बढ़कर 7.8 फीसदी रहा। रेलवे और सिविल सेगमेंट से जुड़े मसलों को देखते हुए यह बहुत अच्छा है।
FY26 में 25,000 करोड़ रेवेन्यू का अनुमान
केबल्स सेगमेंट का प्रदर्शन भी अच्छा रहा। कंपनी के मैनेजमेंट ने FY26 में 25,000 करोड़ रुपये रेवेन्यू का अनुमान जताया है। यह साल दर साल आधार पर 15 फीसदी की ग्रोथ होगी। EBITDA मार्जिन 8-8.5 फीसदी पहुंच जाने की उम्मीद है। यह ग्रोथ FY27 में भी जारी रह सकती है। T&D कंपनी का सबसे स्ट्रॉन्ग वर्टिकल है। ऑर्डर इनफ्लो में इसकी ज्यादा हिस्सेदारी है। FY25 में ऑर्डर इनफ्लो साल दर साल आधार पर 36 फीसदी बढ़कर 24,700 करोड़ रुपये पहुंच गया। इससे कंपनी की कुल ऑर्डरबुक 33,400 करोड़ रुपये की हो गई है।
रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में कंपनी के लिए बड़े मौके
इंडिया में सरकार ने 2032 तक रिन्यूएबल एनर्जी से 600GW उत्पादन का टारगेट रखा है। यह ट्रांसमिशन लाइन और सबस्टेशन डेवलपर्स के लिए बड़ा मौका है। केईसी इंटरनेशनल इस मौके का फायदा उठाने के लिए मजबूत स्थिति में है। मैनेजमेंट को FY26 के बाद नॉन-टीएंडडी सेगमेंट में स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है। खासकर सिविल, रेलवे और इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स के मामले में इम्प्रूवमेंट देखने को मिलेगा।
क्या आपको इनवेस्ट करना चाहिए?
KEC International के शेयरों में FY27 की अनुमानित अर्निंग्स के करीब 19 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। इसका मतलब है कि कंपनी की वैल्यूएशन ठीक है। खासकर स्ट्ऱॉन्ग ऑर्डरबुक, एग्जिक्यूशन में इम्प्रूवमेंट और अच्छे मार्जिन को देखते हुए वैल्यूएशन ज्यादा नहीं लगती है। इस साल यह स्टॉक 26 फीसदी फिसला है। इससे कीमतें अट्रैक्टिव दिख रही हैं। लंबी अवधि के लिहाज से शेयरों में निवेश किया जा सकता है।
Source: MoneyControl