Jane Street Whistleblower : अमेरिकी दिग्गज ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट पर SEBI के ऑर्डर ने पूरा बाजार में हलचल मचा दी है। सेबी के ऑर्डर से भारतीय बाजार से जेन स्ट्रीट के 36000 करोड़ से ज्यादा की कमाई का कच्चा चिट्ठा खुल गया। सेबी ने जेन स्ट्रीट पर रोक के साथ 4300 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जब्त करने के आदेश दिए हैं। सीएनबीसी-आवाज़ आपको उस व्हिसलब्लोअर (WHISTLEBLOWER) से मिलाने जा रहा है जिसकी चिट्ठी से SEBI को इस बड़े गोलमाल का भांडा फोड़ने के लिए प्रेरित किया है। ये शख्स हैं मयंक बंसल। मयंक एक UAE बेस हेज फंड के प्रेसिडेंट हैं।
सीएनबीसी-आवाज़ से बात करते हुए मयंक बंसल ने कहा कि ऑप्शंस ट्रेडिंग करते हुए उन्होंनें 10 साल से ज्यादा हो गया है। इस गड़बड़ी का अंदाजा काफी पहले से हो गया था। जनवरी 2024 से ऑप्शंस ट्रेडिंग पर शक गहराया। उन्हें रेगुलेटर से कार्रवाई की उम्मीद थी। मामले में रेगुलेटर की नोटिस का इंतजार था। रेगुलेटर की ओर से एक्शन की उम्मीद थी। गड़बड़ी का अंदाजा काफी पहले से हो गया था। जेन स्ट्रीट ने 2023 में भारत से बड़ी रकम बनाई। मामला जुलाई 2023 से शुरू हुआ था। एक्सपायरी सख्त रेंज में रखने की कोशश हुई। एक्सपायरी पर हो रही साठगांठ को नोटिस किया गया। साठगांठ से निफ्टी पर भी बड़ा असर डाला गया।
मयंक बंसल ने आगे कहा कि सबसे पहले वोलेटाइल (Volatile) एक्सपायरी मिडकैप में हुई। पैटर्न लगातार चलता रहा, अप्रैल 2024 से बढ़ा। अप्रैल 2024 से साठगांठ का पैटर्न तेजी से बढ़ा। अप्रैल 2024 से मैनिपुलेशन बढ़ता ही गया। 2024 में SEBI को मेल के जरिए इसकी जानकारी दी गई। मेल करने के साथ SEBI का तुरंत जवाब मिला। जेन स्ट्रीट ने हेराफेरी का पैटर्न जारी रखा था। 17 जनवरी 2024 को बैंक निफ्टी पर बड़ा असर दिखा। 17 जनवरी 2024 के पैटर्न से निफ्टी भी हिल गया। मार्केट पार्टिसिपेंट्स को संदेह हो चुका था। हेरफेर पर मार्केट पार्टिसिपेंट्स को संदेह हुआ।
मयंक ने आगे कहा कि मिडकैप सेलेक्ट इंडेक्स से गड़बड़ी की शुरुआत हुई। साठगांठ से एक्सपायरी में उतार-चढ़ाव तेज हुआ। नियमों के मुताबिक ये पूरा मामला अवैध माना जाएगा। जेन स्ट्रीट ने नियमों की अनदेखी की है। नियमों के मुताबिक पूरा मामला गैर कानूनी है। SEBI एक्ट के तहत नियमों का उल्लंघन हुआ है। लोगों को कयास में फंसाए रखने की कोशिश हुई। इसमें SEBI को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। इस मामले में अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेज एक्ट का उल्लंघन हुआ है। इस पर ऐसी कार्रवाई होनी चाहिए जिससे आगे कोई हेराफेरी न हो।
Source: MoneyControl