जेन स्ट्रीट ने सेबी के पास अप्लिकेशन भेजा है। इसमें उस पर लगाए गए कुछ प्रतिबंधों को हटाने की गुजारिश की गई है। सेबी ने इसकी पुष्टि की है। सेबी ने कहा है कि जेन स्ट्रीट के अप्लिकेशन पर विचार हो रहा है। सेबी ने यह भी बताया है कि जेन स्ट्रीट ने एस्क्रो अकाउंट में 4,843.5 करोड़ रुपये जमा कर दिए हैं। सेबी ने मार्केट में मैनिपुलेशन के आरोप में 3 जुलाई को जेन स्ट्रीट पर प्रतिबंध लगा दिया था। उसे एस्क्रो अकाउंट में पैसा जमा करने को भी कहा था।
सेबी ने 3 जुलाई को जेन स्ट्रीट ग्रुप पर बैन लगाया था
SEBI का मानना है कि Jane Street ने इंडिया में गलत ट्रेडिंग प्रैक्टिसेज का इस्तेमाल किया। इससे हुई कमाई को सेबी ने गैरकानूनी माना है। 3 जुलाई को अपने अंतरिम आदेश में सेबी ने जेन स्ट्रीट ग्रुप की कंपनियों पर इंडियन मार्केट में किसी तरह की ट्रेडिंग करने पर रोक लगा दी थी। तब सेबी ने कहा था कि गैरकानूनी कमाई का पैसा डिपॉजिट कर देने के बाद जेन स्ट्रीट पर लगे प्रतिबंध खत्म हो जाएंगे।
जेन स्ट्रीट ने इंडियन मार्केट में खास ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी अपनाई
जेन स्ट्रीट ने सेबी को भेजे अप्लिकेशन में रेगुलेटर से क्या गुजारिश की है, यह पता नहीं है। यह भी पता नहीं है कि सेबी उसके अप्लिकेशन में किस तरह का फैसला लेने जा रहा है। सेबी के ऑर्डर में जो बात सबसे अहम थी वह यह थी कि जेन स्ट्रीट ने इंडियन मार्केट में मैनिपुलेटिव ट्रेड प्रैक्टिसेज का इस्तेमाल किया। उसने ऐसी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी अपनाई जिससे उसे तो भारी प्रॉफिट हुआ लेकिन दूसरे इनवेस्टर्स को लॉस उठाना पड़ा।
एक्सचेंजों को ट्रेडिंग प्रैक्टिसेज पर करीबी नजर रखने का निर्देश
सेबी ने स्टॉक एक्सचेंजों को जेन स्ट्रीट ग्रुप की कंपनियों के ट्रेडर्स पर भी करीबी नजर रखने को कहा था। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना था कि जे स्ट्रीट की कंपनियां किसी तरह की गैरकानूनी और अवैध ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल नहीं कर पाए। मनीकंट्रोल ने इस बारे में सेबी से यह जानने की कोशिश की कि अभी जेन स्ट्रीट पर किस तरह के प्रतिबंध हैं। जेन स्ट्रीट में सबसे बड़ा मसला उस ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी से जुड़ा है जिसका इस्तेमाल जेन स्ट्रीट ने प्रॉफिट कमाने के लिए इंडिया में किया।
मार्केट में मैनिपुलेशन से जेन स्ट्रीट ने की मोटी कमाई
जेन स्ट्रीट पर आरोप है कि उसने जनवरी 2023 से मार्च 2025 तक इंडियन मार्केट में एक खास ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल कर मोटी कमाई की। इस ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी के इस्तेमाल से शेयर बाजार में शेयरों खासकर बैंक निफ्टी में शामिल शेयरों की कीमतों को पहले चढ़ाया जाता था। इसका फायदा उठाने के लिए डेरिवेटिव्स में खास पोजीशन ली जाती थी। फिर, शेयरों की कीमतों को गिराकर डेरिवेटिव्स में लिए गए पोजीशन पर मोटी कमाई की जाती थी।
Source: MoneyControl