ITR Filling: वित्त वर्ष 2025 यानी असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख अब 15 सितंबर 2025 तय की गई है। हालांकि तारीख बढ़ा दी गई है, फिर भी अंतिम समय तक इंतजार करना नुकसानदेह साबित हो सकता है। रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया कागजी कार्यवाही, तकनीकी जटिलताओं और कभी-कभी पोर्टल की गड़बड़ियों के कारण काफी पेचीदा हो जाती है।
खासकर वे टैक्सपेयर्स जो ITR-1 और ITR-4 फॉर्म का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें बिना देरी किए रिटर्न दाखिल कर देना चाहिए क्योंकि इन फॉर्म्स की ऑनलाइन एक्सेल यूटिलिटी पहले ही जारी की जा चुकी है। लेकिन अगर आपने जल्दबाजी में रिटर्न फाइल करते समय कोई गलती कर दी है, जैसे किसी इनकम का सोर्स छूट गया हो या कोई पर्सनल जानकारी गलत भर दी हो, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आप अपना संशोधित यानी रिवाइज रिटर्न (Revise Return) कर सकते हैं।
गलती की है? तो जल्द सुधारें, वरना आ सकती है नोटिस
ऐसी कुछ सामान्य गलतियां जो टैक्सपेयर्स अक्सर करते हैं, उनमें शामिल हैं:
– गलत ITR फॉर्म का चयन
– व्यक्तिगत जानकारी में गलतियां
– बैंक खाते डिटेल्स में गलती
– सभी इनकम सोर्स की जानकारी न देना
– ऐसे डिडक्शन का क्लेम न करना जो आपको मिल सकता था
– ऐसे डिडक्शन का दावा करना जिनके लिए आपके पास डॉक्यूमेंट नहीं हैं
रिटर्न को कैसे करें संशोधित?
रिटर्न को रिवाइज करने के लिए सबसे पहले इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन करें। फिर ‘E-file’ टैब पर जाएं, ‘फाइल इनकम टैक्स रिटर्न’ चुनें, संबंधित असेसमेंट ईयर (2025-26) का चयन करें और ‘रिवाइज्ड रिटर्न अंडर सेक्शन 139(5)’ ऑप्शन पर क्लिक करें।
ध्यान दें कि संशोधित यानी रिवाइज रिटर्न भरते समय आपको पहले दाखिल किए गए रिटर्न की एक्नॉलेजमेंट नंबर दर्ज करनी होगी। अगर आपने ऑफलाइन यानी पेपर मोड में रिटर्न फाइल किया है, जो 80 साल से अधिक उम्र के सीनियर नागरिक कर सकते हैं, तो संशोधन भी पेपर मोड में ही करना होगा।
रिटर्न को संशोधित करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2025 है। एक अच्छी बात यह है कि आप एक से अधिक बार भी रिटर्न संशोधित कर सकते हैं। इसके लिए कोई अतिरिक्त फीस या पेनल्टी नहीं लगती। यहां तक कि अगर आपके रिफंड की प्रक्रिया पूरी हो गई हो, तब भी आप संशोधित रिटर्न फाइल कर सकते हैं। हालांकि, जैसे मूल रिटर्न को वेरिफाई करना अनिवार्य है, वैसे ही संशोधित रिटर्न को भी रिटर्न दाखिल करने की तारीख से 30 दिनों के भीतर वेरिफाई करना जरूरी है।
Source: MoneyControl