Infosys Q1 Results: जून क्वार्टर में इंफोसिस का प्रॉफिट 9% से और रेवेन्यू 8% से बढ़ा; गुरुवार को शेयर में बायर्स होंगे हावी!

नई दिल्ली: बुधवार 23 जुलाई को स्टॉक मार्केट बंद होने के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सर्विस कंपनी इंफोसिस लिमिटेड ने फाइनेंशियल ईयर 2026 का जून क्वार्टर रिजल्ट पेश कर दिया है। बैंगलोर आधारित आईटी कंपनी Infosys Ltd को इस बार के जून क्वार्टर में नेट प्रॉफिट और रेवेन्यू के मोर्चे पर बढ़त हासिल हुई है। Q1 में इंफोसिस का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट साल दर साल के आधार पर 9% से बढ़कर के 6921 करोड़ रुपए के लेवल पर पहुंच गया है।

रेवेन्यू में बढ़त

दूसरी तरफ इंफोसिस कंपनी का परिचालन से रेवेन्यू जून क्वार्टर में सालाना आधार पर 8% से उछल करके 42279 करोड़ रुपए के लेवल पर चला गया है। जून क्वार्टर के दौरान कांस्टेंट करेंसी टर्म में इंफोसिस कंपनी का रेवेन्यू 3.8% की सालाना दर से और 2.6% की तिमाही दर से बढ़कर के रिपोर्ट हुआ है।

बड़े डील जीते

आईटी दिग्गज इंफोसिस ने बताया कि जून क्वार्टर में उन्होंने कुल 3.8 बिलियन डॉलर के मूल्य के बराबर डील जीते हैं। इस बड़े डील विन के पीछे का कारण कंपनी का अपने पुराने क्लाइंट के साथ गहरा संबंध और प्रतिस्पर्धी माहौल में कंपनी की मजबूत पकड़ की वजह से है।

निफ्टी 50 इंडेक्स में शामिल इंफोसिस कंपनी ने बताया कि जून क्वार्टर में उनका Ebit मार्जिन 20.8 प्रतिशत पर रिपोर्ट हुआ है। जो लगाए गए अनुमान के मुताबिक है।

सभी सेगमेंट की ग्रोथ

जून क्वार्टर में इन्फोसिस का कांस्टेंट करेंसी टर्म में फाइनेंशियल सर्विस सेगमेंट में सालाना आधार पर 5.6% की ग्रोथ रिपोर्ट की है। मैन्युफैक्चरिंग डिविजन ने कांस्टेंट करेंसी के टर्म में 12.2% की ग्रोथ दिखा रही है। रिटेल ग्रोथ जून क्वार्टर में 0.4% पर रिपोर्ट हुई है। कांस्टेंट करेंसी टर्म में जून क्वार्टर में लाइफ साइंसेज और दूसरे डिविजन की ग्रोथ 7.9% पर रही है।

इंफोसिस शेयर

इंफोसिस शेयर बुधवार 23 जुलाई को 0.23% की मामूली बढ़त के साथ 1574 रुपए के भाव पर बंद हुआ है। इंफोसिस कंपनी का मार्केट कैप 647484 करोड़ रुपए है। इंफोसिस शेयर ने पिछले 3 महीने में 6% का रिटर्न दिया है।

(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)

Source: Economic Times